नई दिल्ली 02 जनवरी। रेलवे स्टेशनों पर दिव्यांगजनों की सुविधाएं बढ़ाने की कोशिश में जुटी सरकार ने दिशा-निर्देशों पर मसौदा प्रस्ताव सार्वजनिक किया है। इसमें स्टेशनों और ट्रेनों में यूजर-फ्रैंडली तकनीकी के विस्तार पर जोर दिया गया है, जिसमें टेक्स्ट-टू-स्पीच और पिक्टोग्राम जैसी सुविधाएं शामिल हैं। इससे दिव्यांगजनों के लिए सुनकर या तस्वीरों के जरिये सुविधाओं का लाभ उठाना आसान होगा।
दिव्यांगजन विभाग (पीडब्ल्यूडी) की तरफ से जारी प्रस्तावित दिशा-निर्देशों के मसौदे पर सभी हितधारकों और आम लोगों से 29 जनवरी तक अपनी राय, प्रतिक्रिया और आपत्तियां साझा करने को कहा गया है, ताकि इसकी मदद से उपयोगकर्ताओं के अनुकूल वातावरण मुहैया कराने में मदद मिल सके। मसौदे में दिव्यांगजनों के लिए समर्पित वेबसाइट सुविधाओं की जरूरत बताई गई है, जिसमें अधिक उपयोगी और सुलभ इंटरफेस डिजाइन सुनिश्चित किया गया है। मसौदे के मुताबिक, ये सुविधाएं सार्वभौमिक डिजाइन सिद्धांतों और वर्ल्ड वाइड वेब कंसोर्टियम दिशा-निर्देशों के अनुरूप होंगी जो दिव्यांगजनों के लिए तकनीकी सुविधाओं का इस्तेमाल आसान बनाएंगी।
खास मोबाइल एप और वन क्लिक टेम्पलेट
पूरी तरह दिव्यांगों को ध्यान में रखकर एक मोबाइल एप डेवलप करने का प्रस्ताव है, जो वन क्लिक टेम्पलेट पर आधारित होगा। इसकी मदद से ट्रेनों की आवाजाही की सूचना तो मिलेगी ही, ट्रेन के भीतर भी अपेक्षित सुविधाओं का लाभ उठाना आसान हो जाएगा।
ताकि खुद को सामान्य यात्री समझें
दिव्यांगजन रेल यात्रा करते समय खुद को सामान्य यात्रियों की तरह ही समझें इसके लिए समावेशिता पर खास ध्यान दिया जाएगा। इसके लिए प्लेटफॉर्म पर होने वाली उद्घोषणा प्रणाली को दिव्यांगजनों के लिहाज से एकीकृत किया जाएगा। इसके लिए सांकेतिक भाषा, कैप्शनिंग और डिजिटल डिस्प्ले का इस्तेमाल किया जाएगा। सभी स्टेशनों पर ब्रेल लिपि के साथ मानकीकृत साइनेज भी प्रस्तावित है। वहीं, प्रभावी संचार सुनिश्चित करने के लिए अग्रणी स्टाफ को सांकेतिक भाषा में प्रशिक्षित किया जाएगा। स्पष्ट संकेतकों के साथ सुलभ पार्किंग सुविधा पर भी ध्यान दिया जाएगा।
कम ऊंचाई वाले काउंटर
दिव्यांगजन सहायकों की मौजूदगी वाले कम ऊंचाई वाले टिकट काउंटर और सुलभ सहायता बूथ भी प्रस्तावित हैं।
प्लेटफॉर्म पर शौचालय, पेयजल और फुट-ओवर ब्रिज की सुविधा भी ऐसी होगी, जिसका दिव्यांगजन आसानी से इस्तेमाल कर सकें।
विभिन्न समितियां इन सुविधाओं पर नजर रखेंगी। साथ ही शिकायत पुस्तिका, वेबसाइटों और मोबाइल एप के जरिये फीडबैक की व्यवस्था भी होगी।