Thursday, November 13

शिकायतों के निस्तारण में लापरवाही बरतने पर डीएम ने रोका 17 अधिकारियों का वेतन

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मेरठ 02 सितंबर (प्र)। आनलाइन माध्यम से प्राप्त होने वाली जनशिकायतों के निस्तारण में लापरवाही तथा शिकायतकर्ता को संतुष्ट न कर पाने वाले विभिन्न विभागों के 17 अधिकारियों का डीएम ने अगस्त महीने का वेतन रोकने का आदेश दिया है। सोमवार को विकास भवन सभागार में समीक्षा बैठक के दौरान उन्होंने यह आदेश किए। जिससे अधिकारियों में खलबली मच गई है।

सोमवार को डीएम डा. वी के सिंह ने आइजीआरएस प्रकरणों के निस्तारण में लापरवाही पर नाराजगी जताई। उन्होंने स्टेट जीएसटी, स्टांप, शिक्षा, चकबंदी, मंडी, नेडा, स्वास्थ्य, खंड विकास, नगर निकाय और यातायात पुलिस समेत कई विभागों से संबंधित शिकायतों के निस्तारण में अत्यधिक असंतोषजनक फीडबैक मिलने पर फटकार लगाई।

उन्होंने कुल 17 अधिकारियों का अगस्त महीने का वेतन रोकने का निर्देश बैठक में दिया। बैठक में उन्होंने कहा कि शिकायतों का निस्तारण शासन की प्राथमिकता है। सभी अधिकारी इसे गंभीरता से लें। प्रत्येक शिकायत की मानीटरिंग और उसका निस्तारण स्वयं करायें।

बैठक में जून, जुलाई तथा अगस्त में असंतुष्ट संदर्भो की विस्तृत समीक्षा उन्होंने की। आइडीआरएस शिकायतों की जांच अधिकारी खुद करें। मौके पर जाकर सत्यापन और शिकायतकर्ता से फोन पर बात करके गुणवत्ता एवं संतुष्टिपरक फीडबैक प्राप्त करें। उन्होंने लापरवाही करने वाले अधिकारियों को बैठक में ही चिह्नित करके कार्रवाई की घोषणा की।

संतुष्टि फीडबैक 25 प्रतिशत से कम वाले अधिकारी इस कार्रवाई के दायरे में हैं। उन्होंने बिना सूचना बैठक में न आने वाले अधिकारियों का भी वेतन रोकने का निर्देश दिया। बैठक में सीडीओ नूपुर गोयल, एसडीएम सदर दीक्षा जोशी, डीएफओ वंदना फोगाट, सीएमओ डा. अशोक कटारिया, एडीएम प्रशासन सत्य प्रकाश सिंह उपस्थित रहे।

इन अधिकारियों उपायुक्त स्टेट जीएसटी, उप निबंधक सरधना, डायट प्रधानाचार्य, सीओ चकबंदी मवाना, मंडी सचिव मवाना, परियोजना अधिकारी नेडा, क्षेत्रीय यूनानी अधिकारी, सरूरपुर, रोहटा, माछरा, खरखौदा सीएचसी-पीएचसी के मेडिकल अफसर, मवाना, परीक्षितगढ़ और मेरठ के खंड विकास अधिकारी, रजपुरा और हस्तिनापुर के खंड शिक्षा अधिकारी, किठौर और हर्रा नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी तथा यातायात निरीक्षक का वेतन रोका।

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