सरकार को सबसे ज्यादा राजस्व देने वाला विभाग के द्वारा संचालित जमीन मकान दुकानों की रजिस्ट्री कार्यालय हो या स्टाम्प की उपलब्धता अथवा वर्तमान नई तकनीकी को लेकर उत्पन्न होने वाली परेशानियां अब आम आदमी के लिए कष्टकारक बनती जा रही हैं। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी जी द्वारा अपने समय में प्रोत्साहित की गई कम्प्यूटर नीति वर्तमान सरकार के प्रयासों से आज हर व्यक्ति के जीवन में महत्वपूर्ण स्थान रखती है। अब संचार क्रांति में और भी सुधार हुए जो हमें प्रगति की ओर ले जाने का मार्ग प्रश्स्थत करने में अहम भूमिका निभा रहे है। उसके बावजूद या तो सरकारी कार्यालयों में कम्प्यूटर सर्वर और नेट व्यवस्था की देखभाल करने वाले लोगों की लापरवाही हो या उन पर अंकुश लगाने वालों की अनदेखी। आम आदमी पूर्ण निर्धारित शुल्क देने और भुगतान करने के बावजूद आसानी से अपने कार्य नहीं निपटा पा रहा है क्योंकि सरकारी कार्यालयों में इनका संचालन करने वालों को समय से तनख्वाह व अन्य सुविधाएं मिलती है गतिरोध आने के बाद भी इनकी देखभाल करने वाले नियम से वेतन प्राप्त करते है। इसलिए उन्हें कोई चिन्ता शायद नजर नहीं आती कि इस आधुनिक तकनीकि में जरा सी खराबी आने के बाद आम आदमी कितना परेशान होता है।
सरकार ने विभिन्न रूपों में भूमि के होने वाले बैनामों को सरल और किफायती बनाने के लिए काफी प्रयास शुरू कर रखे है। तमाम व्यवस्थाओं में उपयोग होने वाले स्टाम्प आसानी से मिले इसके लिए थोक में विक्र्रेताओं को लाईसेंस भी बांटे गये है। लेकिन यह कितने ताज्जुब की बात है कि रजिस्ट्री विभाग में सर्वर की आये दिन होने वाली खामी से अपना किमती समय निकालकर भारी राजस्व देकर रजिस्ट्री कराने वालों का समय बर्वाद हो रहा हैं। क्योंकि सर्वर गति नहीं पकड़ पा रहा। यही हाल ऑन लाईन दिये जाने वाले स्टाम्प को लेकर है। गत दिवस पूरे दिन ऑन लाईन स्टाम्प लेने वाले इधर उधर परेशान घूमते रहे क्योंकि कभी सर्वर में परेशानी तो कभी अन्य कारण आसानी से कम्प्यूटर से स्टाम्प नहीं निकल पा रहे थे सुबह से शाम तक लोग इन्हें प्राप्त करने के लिए घूमते रहे। लेकिन सरकार द्वारा तय कमीशन से ज्यादा पैसा लिये जाने के बाद भी स्टाम्प विक्रेता उपलब्ध नहीं करा पा रहे थे। यही हाल बैंकों का है इनके ग्राहक और उपभोक्ता अपने कार्यों से बैंक जाते है कई मौकों पर पता चलता है कि सर्वर डाउन है या काम नहीं कर रहा है। ऐसी खामियों की वजह से वर्तमान समय में हर व्यक्ति का समय जो अत्यंत किमती हो गया है वो बर्वाद हो रहा है। पैसा कम या ज्यादा देने में परेशानी से बचने के लिए हर व्यक्ति आसानी से तैयार हो जाता है मगर जो सर्वर की खामी है वो असहनीय है। मेरा मानना है कि केन्द्रीय संचार तकनीकि मंत्रालय अपने माध्यम से देशभर में होने वाली ऐसी समस्याओं का पता लगाकर उसका समाधान ढूंढें क्योंकि कई बार गलती सर्वर और इसको संचालन करने वालों की होती है लेकिन खामियाजा आम आदमी को भुगतना पड़ता है। क्योंकि समय से किसी भी बात का जवाब न देने या पैसा ना जमा कराने पर बिना यह देखे कि गलती किसकी है दफ्तरों में कुर्सियों पर बैठे छोटे से लेकर बड़े बाबुओं तक आम उपभोक्ताओं का उत्पीड़न शुरू कर देते है जो रोका जाना चाहिए। दीपावली पर बड़ी संख्या में एआईजी निबंधन नवीन कुमार शर्मा के द्वारा 31 अक्टूबर तक रजिस्ट्री का समय दो घंटे बढ़ाने की बात कही जा रही है लेकिन इसका फायदा तब है जब सर्वर पूर्ण रूप से चले और बाबुजी इधर उधर की गप्पे लड़ाने और चाय की चुस्कियां लेने के बजाए सरकार द्वारा घोषित नीतियों के अनुसार पूर्ण करें उपभोक्ता क्यों हो परेशान।
(प्रस्तुतिः- अंकित बिश्नोई राष्ट्रीय महामंत्री सोशल मीडिया एसोसिएशन एसएमए व पूर्व सदस्य मजीठिया बोर्ड यूपी संपादक व पत्रकार)
डाउन रहने वाला सर्वर आम उपभोक्ता के लिए बन गया है बवाल, रजिस्ट्री समय से होती नहीं स्टाम्प मिलते नहीं, बैंक उपभोक्ता को भोगना पड़ा है खामियाजा
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