Monday, June 2

ईडी ने पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी को किया गिरफ्तार

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लखनऊ, 08 अप्रैल। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बैंकों की 700 करोड़ से ज्यादा रकम हड़पने के आरोपी पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी और उनकी कम्पनी गंगोत्री इंटरप्राइजेज के निदेशक अजीत पाण्डेय को सोमवार शाम गिरफ्तार कर लिया।

विनय शंकर तिवारी को लखनऊ के न्यू हैदराबाद स्थित आवास और अजीत को महाराजगंज जिले से गिरफ्तार किया गया है। विनय तिवारी को देर शाम ईडी के विशेष न्यायाधीश/ स्पेशल जज सीबीआई वेस्ट राहुल प्रकाश के समक्ष पेश किया गया। जहां से 19 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। यह कार्रवाई ईडी ने विनय शंकर और कंपनी के 11 ठिकानों पर सोमवार सुबह छापेमारी के बाद की है। मामले में ईडी की कार्रवाई सोमवार रात तक चल रही थी। ईडी ने तिवारी को कई बार नोटिस देकर बुलाया था लेकिन वह नहीं आए। इस पर ईडी की टीमों ने सोमवार सुबह गंगोत्री इंटरप्राइजेज के लखनऊ, नोएडा, गोरखपुर, मुम्बई के कार्यालयों पर छापा मारा। कार्रवाई लखनऊ के पांच, नोएडा,गोरखपुर में दो-दो और दिल्ली,मुम्बई में एक-एक ठिकाने पर हुई है। कार्यालय, विनय के घर से कई दस्तावेज व कम्प्यूटर जब्त किए गए हैं।

ईडी सूत्रों के मुताबिक जांच में सामने आए साक्ष्यों और अन्य तथ्यों पर अफसरों ने न्यू हैदराबाद स्थित घर पर विनय शंकर तिवारी से पूछताछ की। अधिकतर सवालों के जवाब ठीक से नहीं दे पाए। सम्पत्ति, खातों, ऋण राशि न लौटाने के सवाल पर भी जवाब नहीं दे सके। इसके बाद ईडी ने सोमवार शाम गिरफ्तार किया। महाराजगंज में गंगोत्री के निदेशक अजीत पाण्डेय को भी गिरफ्तार किया गया है। आरोप था कि उसने कम्पनी के लेन-देन, बैंक ऋण से कई अन्य सम्पत्तियां बनाईं।

ईडी सूत्रों के मुताबिक विनय शंकर ने ईडी के अफसरों से कहा कि उनके परिवार में एक शादी है। उनके खिलाफ अभी कार्रवाई न की जाए। इस पर ईडी के अफसरों ने कहा कि इतनी बार नोटिस देने के बाद नहीं आए। जांच में सहयोग ही नहीं किया। इस पर वह महाराजगंज में एक कथा का आयोजन खुद के द्वारा करने की बात कहने लगे। पर, ईडी के अफसरों ने उनकी एक नहीं सुनी। स्थानीय पुलिस के सहयोग से ईडी उन्हें गिरफ्तार कर वहां से ले गई।

सात बैंकों के कंसोर्टियम से लिया था ऋण
ईडी की जांच में सामने आया था कि विनय शंकर ने अपनी कम्पनी के जरिए सात बैंकों से 854 करोड़ रुपये ऋण लिया था। ऋण अदा न करने पर यह देनदानी 1139.44 करोड़ रुपये तक हो गई थी। इसमें बैंक ऑफ इंडिया से 283.22 करोड़, केनरा बैंक से 142.49, ओरियंटल बैंक ऑफ कामर्स से 100.44 करोड़, कार्पोरेशन बैंक से 166.21 करोड़,आईडीबीआई से 216.43 करोड़, एक्सिस बैंक से 102.99 करोड़ और सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया से 117.66 करोड़ बकाया हो गया था। सीबीआई ने जब जांच शुरू की थी तो 700 करोड़ से अधिक की रकम बकाया रह गई थी।

इस मामले में ईडी ने विनय शंकर, उनकी पत्नी रीता, अजीत पाण्डेय, सहयोगी कम्पनी रॉयल इंफ्रास्ट्रक्चर व अन्य के खिलाफ आठ अक्तूबर, 2020 को मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की थी।

वर्ष 2023 में 73 करोड़ की सम्पत्ति जब्त हुई थी
लखनऊ। ईडी ने वर्ष 2023, नवम्बर में लखनऊ, नोएडा व गुरुग्राम में छापा मारा था। तब विनय शंकर व कम्पनी के नाम 72.8 करोड़ रुपये की सम्पत्ति जब्त की थी। इसके बाद ईडी ने कई बार छापे मारे। कई तथ्यों पर जवाब पाने के लिए ईडी नोटिस देती रही लेकिन विनय नहीं आए। ईडी के एक अधिकारी के मुताबिक इस मामले में जांच चल रही है। इस आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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