दैनिक केसर खुशबू टाइम्स
मेरठ, 02 जुलाई (विशेष संवाददाता) यूपी के प्रमुख शिक्षा संस्थानों में शुमार मेरठ कॉलेज की प्रतिष्ठा के बारे में किसी को बताने की आवश्यकता नहीं है। सभी इसके बारे में और यहां पढ़कर गए छात्रों द्वारा देशभर में विभिन्न पदों पर दी जा रही सेवाओं के बारे में जानते हैं। हर तरह से प्रमुख इस शिक्षा संस्थान की प्रबंध कार्यकारिणी का भी अपना प्रमुख स्थान समाज में रहता है। प्रशासनिक क्षेत्रों में भी इसके अध्यक्ष उपाध्यक्ष सचिव संयुक्त सचिव आदि को एक अच्छे दृष्टिकोण से देखा जाता है इसलिए इसके चुनाव में अभूतपूर्व व्यवस्थाएं होती हैं। जानकारों का कहना है कि यह चुनाव विधायक और मेयर के समान ही गहमागहमी के बीच होता है। अभी चुनाव कब होंगे यह तो नहीं कहा जा सकता लेकिन वर्तमान प्रबंध कार्यकारिणी ने अपनी चुनावी गोट बिछानी कुछ सदस्यों के अनुसार शुरू कर दी है।
मौखिक सूत्रों द्वारा बताया जा रहा है कि आगामी प्रबंध समिति के चुनाव हेतु बीते दिनों कुछ पदाधिकारियों की सभा में प्राचार्य प्रो. युद्धवीर सिंह को चुनाव अधिकारी घोषित किया गया है। इसको लेकर कॉलेज के सदस्यों में यह चर्चा है कि चुनाव से पूर्व जनरल हाउस की एक बैठक बुलाई जानी चाहिए और उसमें चुनाव अधिकारी सहित पूरा कार्यक्रम घोषित किया जाना चाहिए था। जो नहीं किया गया। सूत्रों का कहना है कि पिछले चुनाव में प्रबंध समिति के खिलाफ चुनाव लड़े पैनल के कुछ सदस्यों द्वारा नियमानुसार चुनाव कराने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों से मिलकर चुनाव कराने हेतु नियमों का पालन कराने और जनरल हाउस की बैठक बुलाकर कार्यक्रम तय करने अथवा किसी प्रशासनिक अधिकारी को चुनाव अधिकारी बनाकर आगामी निर्वाचन की तैयारियों का आग्रह किया जाएगा। कुछ सदस्यों का कहना है कि चुपचाप चुनाव अधिकारी घोषित करने की क्या जरूरत आ पड़ी। इसके लिए सभी व्यवस्थाएं वर्तमान कमेटी को करानी चाहिए।
यह भी चर्चा सुनाई दे रही है सदस्यों में कि युद्धवीर सिंह को ही क्यों बनाया गया चुनाव अधिकारी। एक खबर के अनुसार मेरठ कॉलेज प्रबंध कार्यकारिणी की बैठक मेरठ कॉलेज के मंत्री डॉ. ओपी अग्रवाल के नेतृत्व में आयोजित की गई। इसमें अनेक निर्णय लिए गए। इस दौरान प्राचार्य के रूप में प्रो. युद्धवीर सिंह का अनुमोदन तो किया ही गया। वहीं, प्रबंध समिति का कार्यकाल इसी वर्ष समाप्त हो रहा है और नई प्रबंध समिति कार्यकारिणी का चुनाव भी इसी वर्ष होना है। इसे ध्यान में रखते हुए कॉलेज के मंत्री डॉ. ओपी अग्रवाल ने मुख्य चुनाव अधिकारी प्रो. युद्धवीर सिंह को बनाया।