Monday, June 2

जल्द सरपट दौड़ेगें इलेक्ट्रिक वाहन, 52 बिजली उपकेन्द्रों पर भी उपलब्ध हो सकेगी चार्जिंग सुविधा

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मेरठ 16 मार्च (प्र)। प्रदेश स्तर पर यूपी रिन्युवेबिल एंड ईवी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड यूपी रेव नाम की नई कंपनी के गठन से मेरठ में भी वाहनों के चार्जिंग की समस्या खत्म होगी। जनपद में अभी तक 30 हजार से अधिक ई रिक्शा दौड़ रहे हैं। लेकिन इलेक्ट्रिक कारों की संख्या अभी भी एक हजार का आंकड़ा पार नहीं कर पाई है। इसके पीछे मुख्य कारण चार्जिंग की समस्या ही है। मेरठ में अभी तक केवल एक चार्जिग स्टेशन है वह भी महानगर बसों के लिए हैं। इलेक्ट्रिक वाहन स्वामी घरों या निजी स्तर पर जगह जगह चार्जिंग कर रहे हैं। ऐसे में लंबी दूरी तक जाने के लिए इन वाहनों का उपयोग नहीं हो रहा है। जगह जगह चार्जिंग स्टेशन बनने से कुछ ही मिनटों में वाहन को चार्ज किया जा सकेगा।

उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष डा. आशीष कुमार ने शुक्रवार को नई कंपनी के गठन की घोषणा की।  अध्यक्ष ने एक उच्च स्तरीय बैठक भी की। इसमें पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम की एमडी ईशा दुहन समेत सभी उच्च अधिकारी मौजूद रहे। प्रदेश में आगामी वर्षों में 47 प्रतिशत की दर से इलेक्ट्रिक वाहनों के बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। भारत सरकार भी इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद को प्रोत्साहित कर रही है और सब्सिडी दे रही है। इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध हो और जनता को इसके लिये असुविधा न हो इसके लिए कंपनी का गठन किया गया है। पावर कारपोरेशन के पास पूरे प्रदेश में बडी संख्या में जमीन एवं विद्युत आपूर्ति का आधार भूत ढांचा मौजूद है। पावर कारपोरेशन ने सरकार के पास नई कम्पनी के गठन के लिये प्रस्ताव भेजा था। जिसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वीकृति प्रदान कर दी है।

नई कंपनी प्रदेश की वितरण, पारेषण और उत्पादन कंपनियों के पास उपलब्ध भूमि बैंक का उपयोग कर चार्जिंग संबंधी सुविधा उपलब्ध कराएगी। यही नहीं विभिन्न राजमार्गो, राष्ट्रीय हाईवे, शहर एवं अन्य उपयुक्त स्थानों पर इलेक्ट्रिकल व्हीकल चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर कर विकास और रखरखाव करेगा।

चार्जिग शुल्क का निर्धारण करेगी कंपनी
यूपी रेव कंपनी का गठन अधिनियम 2013 के तहत एक सरकारी कंपनी के रूप में किया गया है। यह उप्र पावर कारपोरेशन लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी की तरह कार्य करेगी। पूर्णकालिक प्रबंध निदेशक की नियुक्ति शासन द्वारा जल्द की जायेगी।

बिजली उपकेंद्रों की भूमि का उपयोग भी किया जा सकेगा
जनपद में अधिकांश जगह बिजली के सबस्टेशन ऐसे स्थानों पर जो आम जन की पहुंच में हैं। शहर में 52 वितरण सब स्टेशन हैं। इसके अलावा पांच स्थानों पर पारेषण के सब स्टेशन भी हैं सब स्टेशनों की भूमि पर चार्जिंग सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके अलावा कंपनी कई प्राइम लोकेशन पर चार्जिंग सुविधा का इंतजाम करेगी।

महानगर परिवहन में ई वसों की कमी दूर होगी
जनपद में 50 इलेक्ट्रिक बसे महानगर सेवा के रूप में संचालित हो रही हैं। 50 बसें और मिलनी है लोहिया नगर में इन बसों को चार्ज करने के लिए नौ टर्मिनल लगे हैं। यहां पर एक बस को चार्ज करने में 45 मिनट लगते हैं। लेकिन केवल एक जगह ही चार्जिंग होने से बसों को हर 200 किलोमीटर बाद वापस चार्ज करने के लिए लोहिया नगर लाना पड़ता है। स्वयं कमिश्नर सेल्वा कुमारी जे ने छह माह पूर्व रोडवेज को नए चार्जिंग स्टेशन की संभावना तलाशने के निर्देश दिए थे। लेकिन अभी तक भूमि का चयन नहीं हो पाया है।

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