मेरठ 16 मार्च (प्र)। गंगा एक्सप्रेसवे के किनारे औद्योगिक गलियारा विकसित करने के लिए किसानों से सीधे जामीन खरीदी जा रही है। शुक्रवार तक खरखौद और गांव बिजौली के 168 किसानों की 78.79 हेक्टेयर जमीन वैनामे के माध्यम से अधिग्रहीत की जा चुकी है। किसानों को मुआवजा प्रदान करने के लिए शासन ने 300 करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं। अब सोमवार को किसानों के खाते में मुआवजे की रकम भेजने की तैयारी है।
गंगा एक्सप्रेसवे के किनारे विकसित हो रहे औद्योगिक गलियारे के लिए प्रदेश में सबसे अधिक भूमि का वैनामे 50 अभी तक मेरठ में ही हुए हैं। यहां खरखौदा व गांव बिजौली के जंगल में औद्योगिक गलियारा विकसित करने के लिए कुल 213 हेक्टेयर भूमि को खरीद की जाएगी। शुक्रवार तक दोनों गांवों के कुल 168 किसानों की 78.79 हेक्टेयर भूमि का सोधे बैनामा करावाया जा चुका है। जमीन खरीद के लिए अभी तक कुल 50 वैनामे करार हैं। किसानों को कुल जमीन के बदले करीब 750 करोड़ रुपये के मुआवजे का भुगतान किया जाएगा।
शासन ने किसानों को मुआवजे के रूप में प्रदान करने के लिए 300 करोड़ रुपये का वजट जारी कर दिया है। सोमवार से किसानों के बैंक खातों में मुआवजा प्रदान करने की प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी है। तहसीलदार शैलेंद्र सिंह ने बताया कि किसानों में अपनी जमीन औद्योगिक गलियारे के लिए देने को लेकर काफी उत्साह है। यही कारण है कि इतनी तेजी से जरूरी जमीन के वैनामे कराने को प्रक्रिय पूर्ण हो रही है।