Tuesday, October 14

मेरठ के कपसाड़ और सलावा में सम्राट मिहिर भोज द्वार हटवाया, पुलिस तैनात

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मेरठ 23 सितंबर (प्र)। मेरठ के सरधना क्षेत्र में सम्राट मिहिर भोज के नाम पर स्थापित द्वारों को लेकर उपजा विवाद अब गहराता जा रहा है। हाईकोर्ट के निर्देशों के अनुपालन में प्रशासन ने मंगलवार देर रात कपसाड़ और सलावा गांव में लगे सम्राट मिहिर भोज द्वार और बैनर हटवा दिए। एहतियातन दोनों गांवों में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
प्रशासन का कहना है कि हाईकोर्ट के आदेश तक किसी भी जाति विशेष को बैठक, सभा या कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह कदम कानून-व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से उठाया गया है।

कुछ समय पहले कपसाड़ में सम्राट मिहिर भोज के नाम पर एक द्वार स्थापित किया गया था। इसके बाद सलावा गांव में भी ऐसा ही द्वार लगाया गया, जिसके बाद से ही स्थानीय स्तर पर जातीय विवाद शुरू हो गया था। स्थिति उस समय और बिगड़ गई जब 21 सितंबर को दादरी गांव में गुर्जर समाज की पंचायत के दौरान हंगामा और पुलिस पर पथराव की घटना हुई।
इस घटना के बाद शासन ने सख्त रुख अपनाते हुए निर्देश जारी किए कि प्रदेश भर में सम्राट मिहिर भोज के नाम पर लगाए गए सभी बोर्ड, बैनर और द्वार तत्काल प्रभाव से हटाए जाएं।

इन्हीं आदेशों के पालन में मंगलवार रात करीब 3 बजे भारी पुलिस बल कपसाड़ और सलावा गांव पहुंचा। पुलिस ने बिना किसी विरोध के द्वार हटवाए और उनका मलबा भी साथ ले गई। गांव में तनाव को देखते हुए पुलिस पूरी रात मुस्तैद रही।
पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने साफ कहा है कि यह कार्यवाही सिर्फ एहतियातन और कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए की गई है। किसी भी पक्ष को माहौल बिगाड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी। प्रशासन की प्राथमिकता है कि शांति बनी रहे और न्यायालय का आदेश लागू हो।
गांवों में भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है और संवेदनशील इलाकों में गश्त बढ़ा दी गई है। फिलहाल, किसी भी प्रकार के सार्वजनिक आयोजन, सभा या जातीय बैठक पर पूर्ण प्रतिबंध लागू रहेगा जब तक उच्च न्यायालय का अंतिम फैसला नहीं आ जाता।

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