मेरठ 01 सितंबर (प्र)। मेडिकल में दाखिले के लिए मेरठ के 15 छात्रों के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित के प्रमाण पत्रों को महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण ने जांच के लिए भेजा था। मेरठ डीएम की जांच में इनमें से 14 छात्रों के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित प्रमाण पत्र फर्जी मिले हैं, जो बताते हैं कि मेडिकल में दाखिले के लिए किस तरह से फर्जीवाड़ा किया जा रहा है।
महानिदेशक द्वारा कराई गई जांच के बाद सभी के आवंटन निरस्त कर दिए। साथ ही संबंधित जिलों के डीएम को कानूनी कार्रवाई को कहा है। मेडिकल में प्रवेश के लिए वर्षों से स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रितों का कोटा है। इस कोटे के आधार पर लोग प्रवेश लेते हैं। इसके लिए संबंधित जिलों के डीएम की ओर से आश्रितों को विस्तृत जांच के आधार पर प्रमाण पत्र दिया जाता है। इसी प्रमाण पत्र में खेल कर 14 अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्र फर्जी मिले हैं। महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण किंजल सिंह ने जांच के लिए डीएम को भेजा था। डीएम के निर्देश पर प्रभारी अधिकारी एडीएम ने जांच कराई। जांच में पाया कि 14 अभ्यर्थियों का प्रमाण पत्र मेरठ से जारी नहीं हुआ है। इस आधार पर फर्जी मानते हुए रिपोर्ट भेज दी।
मेरठ के इन अभ्यर्थियों का आवंटन निरस्त
श्वेता सिंह लखीमपुर खीरी
आफिया रानी बिजनौर
मो.आफताब जालौन
दशा सचदेव शाहजहांपुर
नैंसी खंडेलवाल फिरोजाबाद
विशाल कुमार बांदा
गुड्डू कुमार कानपुर देहात
अर्शिया अग्रवाल कानपुर देहात
मानविका चौहान आगरा
प्रेरणा शेखर आगरा
वर्तिका आगरा
वेदिका प्रिया बिजनौर
रेने सिंह जिम्स ग्रेटर नोएडा
नैंसी ने खुद को फ्रीडम फाइटर की आश्रित दर्शाया
गाजियाबाद की नैंसी ने जो प्रमाण पत्र लगाया था, उसमें खुद को स्वतंत्रता संग्राम सैनानी बनवाली लाल पुत्र विशंभर लाल निवासी गोटका तहसील सरधना मेरठ का आश्रित दर्शाया था। प्रमाण पत्र पर 21 अप्रैल 2015 की तारीख दर्शायी है।
डीएम डा.वीके सिंह का कहना है कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के आश्रित के नाम पर प्रमाण पत्र को लेकर जो भी गड़बड़ी हुई है तो उसके आधार पर शासन की ओर से जो भी निर्देश होंगे तो कार्रवाई की जाएगी। कानूनी कार्रवाई की जाएगी।