Friday, July 4

फजी डिग्री प्रकरणः सवालों के घेरे में चौधरी चरण सिंह विवि

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मेरठ 06 मार्च (प्र)। नैक रैकिंग में ए प्लस प्लस ग्रेड हासिल कर अन्य रैंकिंग में भी स्थान बनाने वाला चौधरी चरण सिंह विवि इस समय सवालों के घेरे में है।
सीसीएसयू के नाम पर अब तक फर्जी डिग्री का खेल चलने की बात आए दिन सामने आती थी। मगर अब विवि में गीतांजलि कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी हैदराबाद से आई इंजीनियरिंग की डिग्री जांच में फर्जी मिलने के बाद भी सही बताकर भेजने का मामला तूल पकड़ गया है इसके बाद विवि कटघरे में आ खड़ा हुआ है कि क्या विवि के अंदर बैठे लोग ही फर्जी डिग्रियों के मामलों में सेंध लगाने का काम कर रहे हैं।

सीसीएसयू में रोज नए-नए मामले सीसीएसयू की साख को खराब करने का काम कर रहे हैं। एक सप्ताह भी नहीं गुजरा जब दलालों ने पैसे लेकर बीसीए (बैचलर इन कंप्यूटर एप्लीकेशन) के छह सेमेस्टर की फर्जी मार्कशीट बना दी थी, जबकि सीसीएसयू में बीसीए कोर्स ही पढ़ाया नहीं जाता था। नया मामला विवि के अंदर ही डिग्री के नाम पर चल रहे खेल को उजागर करने का काम कर रहा है।
इसमें पहले तो पीएचडी की फर्जी डिग्री जारी हुई, जब संबंधित कॉलेज ने सत्यापन के लिए सीसीएसयू में भेजा तो कुलसचिव की ई-मेल आइडी से फर्जी डिग्री को सही बता दिया गया। संदेह होने पर संस्था ने पुनः सत्यापन के लिए पत्र कुलपति कार्यालय में भेजा तो विवि प्रशासन में हड़कंप मच गया। कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला ने कुलसचिव धीरेंद्र कुमार को एफआईआर दर्ज कराकर मामले की जांच रिपोर्ट मांगी है।

कुलसचिव कार्यालय की मेल का किसने किया इस्तेमाल
मामले में सवाल उठता है कि कुलसचिव कार्यालय की ई-मेल आइडी का इस्तेमाल सत्यापन रिपोर्ट भेजने के लिए किसने किया और उसको सही ई-मेल की जानकारी कैसे हुई। वहीं कुलसचिव की ओर से पुलिस को दी गई शिकायत में फर्जी डिग्री की जांच की और उसमें डिग्री फर्जी पाई गई है। बात कही गई हैं, जबकि जांच तो हो चुकी है।

राजभवन में गूंजा डिग्री का मामला
सीसीएसयू में इंजीनियरिंग की डिग्री को अवैध की जगह वैध बताने का मामला तूल पकड़ गया है। छात्रों ने इस मामले में मोर्चा खोलते हुए राजभवन को पत्र लिखकर साइबर विशेषज्ञों से जांच कराने की मांग की है।
छात्र नेता विनीत चपराना ने राज्यपाल को पत्र लिखकर कहा है कि विवि प्रशासन की इस मामले में बड़ी लापरवाही उजागर हुई है। इसके लिए एक समिति का गठन कर प्रकरण की जांच कराई जाए। पूर्व महामंत्री अंकित अधाना ने कहा है कि यह एक गंभीर मामला है और इसकी गहनता से जांच होनी चाहिए।

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