Friday, July 4

होलाष्टक कल से शुरू, शादियां होंगी अप्रैल में

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मेरठ 06 मार्च (प्र)। शहर में होली उत्सव की तैयारी शुरू हो गई है। होलाष्टक लगने जा रहे हैं। इस बार होलाष्टक सात मार्च से लगेंगे। ज्योतिषों के अनुसार होलाष्टक लगते ही शुभ कार्य रुक जाएंगे।

होली दहन व रंगोत्सव के दिन किन नियमों का पालन करना चाहिए और किस तरह से रंगों का यह पर्व मनाना चाहिए, इस बारे में ज्योतिषों ने अपने रखे हैं। होलाष्टक में अपने जीवन में हर प्रकार से संयम रखना चाहिए और अनुष्ठान आदि करने चाहिए।
ज्योतिषचार्य विभोर इंदूसुत ने बताया कि होलाष्टक के आठ दिनों में किसी भी नए कार्य जैसे गृह प्रवेश, जमीन या वाहन खरीदना, विवाह संस्कार, ऑफिस ओपनिंग, सगाई, रोकना रस्म और किसी प्रकार के मुहूर्त आदि कार्य नहीं करने चाहिए। 14 मार्च तक होलाष्टक रहेगा। होलाष्टक के दिनों में पूजा अर्चना और साधना बहुत शुभ होते हैं। इस समय में किए गए मंत्र-जाप, पूजा पाठ और दान आदि का कई गुना शुभ फल मिलता है।

सात मार्च से लग रहे होलाष्टक
ज्योतिषचार्या रुचि कपूर ने बताया कि होलाष्टक दो शब्दों से बना है होली और अष्टक, जिसका अर्थ है आठ। यह अवधि फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से लेकर पूर्णिमा तक होती है। होलाष्टक होली से 8 दिन पहले शुरू हो जाते हैं। इस बार होलिका दहन 13 मार्च की रात को है। इसके अगले दिन 14 मार्च को रंगों वाली होली खेली जाएगी। होलाष्टक 7 से 13 मार्च गुरुवार तक होलाष्टक रहेगा।

होलाष्टक लगने पर रुक जाते हैं शुभ कार्य
ज्योतिषचार्य राहुल अग्रवाल ने बताया होलाष्टक के आठ दिनों में मान्यता के अनुसार सभी ग्रह अशुभ फल प्रदान करने वाले होते हैं। शुभ कार्य करने की मनाही होती है। इसमें विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, नामकरण, नए व्यापार की शुरुआत नहीं किए जाते हैं। होलाष्टक के दिनों में पूजा पाठ के साथ दान करना चाहिए। जरूरतमंदों को जरूरत का सामान देना चाहिए।

होलाष्टक और खरमास के बाद यह शुभ विवाह मुहूर्त
● अप्रैल में – 14, 16, 18, 19, 20, 21, 22, 23, 29, 30
● मई में – 1, 5, 6, 7, 8, 13, 15, 17, 18, 19, 24, 28
● जून में – 1, 2, 4, 7, 8, 9

होलाष्टक में करें ये काम
होलाष्टक के दौरान भगवान की पूजा करनी चाहिए और मंत्रों का जाप करना चाहिए.
होलाष्टक के दौरान गरीबों और जरूरतमंदों को दान करना शुभ माना जाता है.
होलाष्टक के दौरान पितरों का तर्पण करना भी शुभ माना जाता है.
होलाष्टक के दौरान सकारात्मक रहना चाहिए और नकारात्मक विचारों से बचना चाहिए.
होलाष्टक के समय धार्मिक पुस्तकों का पाठ करना चाहिए.
होलाष्टक के दौरान तुलसी की पूजा करनी चाहिए.

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