Sunday, December 22

आगरा की फर्जी संस्था ने देशभर के 109 कालेजों को दी फ्रेंचाइजी

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गोरखपुर 30 सितंबर। गोरखपुर एसएसपी द्वारा बनाई गई एसआईटी की जांच में कुल 109 फ्रेंचाइजी की डिटेल आगरा स्थित एनजीओ के ऑफिस से मिली है। एसआईटी की जांच में हुए खुलासे के बारे में गत दिवस एसएसपी डॉ गौरव ग्रोवर और सीओ कैंट मानुष पारिक ने विस्तार से बताया।

बता दें, चौरीचौरा के विशम्भरपुर निवासी विजय प्रताप सिंह ने कोर्ट द्वारा 156(3) के तहत चौरीचौरा थाने में जनवरी 2023 में केस दर्ज कराया था, जिसकी जांच के बाद गोरखपुर पुलिस ने 11 सितंबर को गणेश नगर सुचेता थाना शाहगंज जिला आगरा निवासी पंकज पोरवाल को अरेस्ट किया। पूछताछ में पता चला कि आगरा में अब्दुल कलाम ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट नाम से एनजीओ खोलकर पैरामेडिकल कॉलेज की फ्रेंचाईजी दे रहा था।

शातिर पंकज पोरवाल ने बकायदा आगरा के शाहगंज में अब्दुल कलाम ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट के नाम से बोर्ड ऑफिस खोल रखा है। इसका रजिस्ट्रेशन साल 2013 में एनसीटी दिल्ली चिटफंड से कराया था, जिसमें 13 पदाधिकारी हैं, जो पंकज के रिश्तेदार और दोस्त हैं।
फर्जी कॉलेजों से कराया जाता था यह कोर्स

एएनएम, जीडीए, मेडिकल ड्रेसर, सीएमएस एंड ईडी, डीएमएलटी, डीएमआरटी, एक्स रे। ईसीजी सीएमएलटी, डेंटल नर्सिंग, डेंटल हाइजीनिस्ट, डीओटीटी, डायलिसिस टेक्नीशियन, डिप्लोमा इन हेल्थ सैनिटरी, ऑप्थलमिक असिस्टेंट, डीपीटी, एचडीएचएम।एसएसपी ने जांच के लिए एएसपी मानुष पारीक के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया। एसआईटी आगरा गई। वहां एनजीओ के दफ्तर में छापा मारा, जिसमे कई हैरान कर देने वाले खुलासे हुए हैं।

यूपी के 40 जिलों में फर्जी पैरामेडिकल कॉलेज
एसआईटी को आगरा स्थित एनजीओ के आफिस में 109 फ्रेंचाइजी का विवरण मिला है, जो आगरा के एनजीओ से संबंधित हैं। जिसमे 40 फ्रेंचाइजी यूपी में दी गई हैं। सबसे अधिक फ्रेंचाइजी पूर्वांचल के जिलों में दी गई हैं।

अकाउंट में 16 लाख किए गए फ्रीज
बता दें कि सरगना पंकज वर्तमान में गोरखपुर जेल में है। वहीं, उसकी पत्नी व भाई की गिरफ्तारी को दबिश दी गयी लेकिन वे फरार हो गए। गोरखपुर पुलिस ने पंकज व उसकी पत्नी के 4 अकाउंट में जमा 16 लाख फ्रीज कर दिए। जांच में सामने आया है कि आगरा में कई पॉश एरियाज में पंकज पोरवाल की संपत्ति है। टीम ने पंकज की चार जगहों की संपत्ति चिन्हित की है।

स्वर्गीय पिता के हस्ताक्षर से जारी होती मार्कशीट
टीम को छापेमारी में विभिन्न कोर्स से संबंधित किताबें भी मिली हैं। बताया जा रहा है कि पंकज किताबें भी छापता था। साथ ही इनके द्वारा संचालित कोर्स में मार्कशीट और प्रमाण पत्र पंकज पोरवाल द्वारा एग्जाम कंट्रोलर के स्थान पर अपने सगे भाई इंद्रवीर पोरवाल और स्वर्गीय पिता सुरेंद्र बाबू गुप्ता के हस्ताक्षर से जारी किया जाता था।

 

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