उन्नाव 20 अक्टूबर। पुलिस लाइन स्थित महिला हास्टल में गुरुवार रात महिला सिपाही का शव फंदे से लटका मिला। पड़ोस में तीसरे तल के कमरे में रहने वाली महिला सिपाही ने शव लटका देख उच्चाधिकारियों को जानकारी दी। अधिकारी पहुंचे तो शव को नीचे उतारा गया। जीवित समझ कब्बाखेड़ा स्थित एक मेडिकल सेंटर पहुंचाया। करीब एक घंटे इलाज के बाद उसे मृत घोषित कर दिया गया।
एक पुलिस अधिकारी की पेशी में तैनात सिपाही को वह अपना मौसेरा भाई बताती थी। वह भी मेडिकल सेंटर में उसकी मौत पर बिलखता नजर आया। शरीर में खरोंच के निशान मिलने की चर्चा से मामला पेंचीदा बना रहा। बागपत जिला के गांव खेकड़ा निवासी 23 वर्षीय मीनू धामा पुत्री सुरेंद्र धामा वर्ष 2019 बैच की सिपाही थी।
मौजूदा समय में पुलिस लाइन स्थित एएचटीयू (एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग) थाना में सीसीटीएनएस (क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम) में तैनात थी। महिला हास्टल की नई इमारत में तीसरे तल पर कमरे में रहती थी। गुरुवार दोपहर से वह कमरे से बाहर नहीं निकली। रात करीब नौ बजे दूसरे तल पर रहने वाली एक महिला सिपाही उसके कमरे में पहुंची तो मीनू का शव रस्सी से पंखे पर लटका देख उसकी चीख निकल गई। अन्य सिपाहियों ने मौके पर पहुंचकर उच्चाधिकारियों को जानकारी दी।
एएसपी शशिशेखर सिंह व सीओ सिटी आशुतोष कुमार मौके पर पहुंचे और उसे फंदे से नीचे उतरवाया। सांसें चलती देख उसे कब्बाखेड़ा स्थित एक मेडिकल सेंटर ले गए। जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। चर्चा है कि मौत को गले लगाने से पहले उसने मां को फोन कर सारी कहा फिर जान दे दी। मीनू करीब डेढ़ साल पहले बीघापुर में तैनात थी। उसके बाद एएचटीयू में उसकी तैनाती हो गई थी। सीओ सिटी आशुतोष कुमार ने महिला सिपाही मीनू की मौत की पुष्टि करते की है।