Saturday, October 25

सेन्ट्रल मार्केट में मुनादी के बाद रात भर सामान समेटते रहे रहे व्यापारी, कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच बंद कराए गए दुकानों के शटर

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मेरठ 25 अक्टूबर (प्र)। शहर के व्यावसायिक इलाकों में गिने जाने वाले शास्त्री नगर सेंट्रल मार्केट में शनिवार को बड़ा प्रशासनिक कदम उठाया जाएगा। आवास विकास परिषद ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुपालन में 661/6 पर निर्मित कांप्लेक्स को ध्वस्त करने के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मुनादी कराई। मुनादी के बाद दुकानों के शटर बंद कराए। उसके बाद दुकानदारों ने स्वयं अपनी दुकानों से सामान निकाला। रातभर वह अपना- अपना सामान समेटे रहे।
मुनादी के लिए उप्र आवास एवं विकास परिषद और पुलिस टीम शुक्रवार दोपहर 3.15 बजे सेंट्रल मार्केट पहुंची। उस समय 661/6 पर निर्मित कांप्लेक्स को छोड़कर पूरा बाजार खुला था। ई रिक्शा से मुनादी की जा रही थी। नौचंदी थाना समेत अन्य थानों की पुलिस रही। मुनादी आरटीओ रोड पुलिस चौकी से गोल मंदिर चौराहा, सेक्टर एक और दे में कराई गई। मुनादी के दौरान जब परिषद के अवर अभियंता अजब सिंह ने व्यापारियों से बात की तो हमने दुकानें बंद कर दी हैं, लेकिन उन्हें खाली नहीं किया है। जिस पर अजब सिंह ने फोन से उच्च अधिकारियों से वार्ता कराई।

अधिकारियों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने परिसर खाली करने का आदेश दिया है। अगर आप दुकानें खाली नहीं करेंगे तो यह रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर दी जाएगी। अधिकारियों के सख्त रवैये को देखते हुए व्यापारियों ने दुकानें खाली करना शुरू किया। इस दौरान डा. गोयल के क्लीनिक का शटर खुला था। पुलिस ने शटर बंद कराया। पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई गई। डीएम के अनुसार रात 12 बजे से पूर्व 661/6 पर निर्मित कांप्लेक्स की सभी दुकानें खाली हो गईं।

मुंबई की फर्म ने लिया ध्वस्तीकरण का ठेका
आवास विकास परिषद ने ध्वस्तीकरण के लिए मुंबई की मेसर्स रिलायबल सर्विस को ठेका दिया गया है। फर्म ने 86 लाख रुपये में ठेका लिया है। नोएडा में ट्विन टावर ढहाने वाली फर्म ने भी ध्वस्तीकरण के लिए दो बार टैंडर प्रक्रिया में भाग लिया था। लेकिन एक ही फर्म होने के कारण उसे ठेका नहीं दिया जा सका। जबकि परिषद ने 1.67 करोड़ धनराशि निर्धारित की थी। आवास विकास परिषद के अधिशासी अभियंता आफताब अहमद ने कहा कि दुकानों को खाली करने की सूचना मिली है। शनिवार को सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुपालन में ध्वस्तीकरण की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

पुनर्विचार याचिका निरस्त होने से व्यापारियों की आस टूटी
सेंट्रल मार्केट 661/6 पर निर्मित कांप्लेक्स के व्यापारियों ने 17 दिसंबर 2024 के आदेश पर पुनर्विचार के लिए और परिसर खाली करने के समय बढ़ाने की मांग को लेकर अलग अलग चार याचिका दायर की थी पर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय अडिग रहा। आवासीय भूखंडों पर व्यावसायिक गतिविधियों को सुप्रीम कोर्ट गंभीर माना है। 22 जुलाई 2025 याचिका सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर महादेवन ने कहा था कि 17 दिसंबर 2024 के आदेश का गहनता से अध्ययन किया जा चुका है अब इसमें किसी तरह के पुनर्विचार की कोई गुंजाइश नहीं है। इस आदेश के बाद व्यापारियों की सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने की उम्मीद समाप्त हो गया था। इस बीच व्यापारियों ने मुख्यमंत्री से मिलकर भी मिश्रित भू उपयोग की अनुमति दिए जाने की गुहार लगाई थी, लेकिन मामला सुप्रीम कोर्ट की अवमानना का होने के कारण शासन को भी ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पर मुहर लगानी पड़ी।

सुप्रीम कोर्ट का आदेश
17 दिसंबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि शास्त्रीनगर सेंट्रल मार्केट 661/6 भूखंड पर निर्मित कांप्लेक्स को तीन माह में खाली कराकर आवास विकास परिषद उसे दो सप्ताह में ध्वस्त करे। आवासीय भूखंड पर निर्मित हुए इस तरह के अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के खिलाफ भी ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करने के लिए कहा था। सुप्रीम कोर्ट ने पूरे भारत में परिषद और प्राधिकरणों की कालोनियों के इस तरह के निर्माणों पर कार्रवाई के आदेश दिए थे। आदेश में अवैध निर्माण करने वाले व्यापारियों के साथ जिन अधिकारियों के कार्यकाल में यह अवैध निर्माण हुए हैं उनके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई करने के लिए कहा है।

डीएम डा. वीके सिंह का कहना है कि एसपी सिटी और एडीएम सिटी की अगुआई में भारी पुलिस बल ध्वस्तीकरण के दौरान उपस्थित रहेगा। प्रबंधन के हर पहलू का ध्यान दिया गया है। सेंट्रल मार्केट 661/6 पर निर्मित कांप्लेक्स पर बनी दुकानों को खाली करा दिया गया है।

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