Saturday, May 31

पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक दिल्ली के अस्पताल में भर्ती

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मेरठ 23 मई (प्र)। जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक फिर एक बार चर्चा में हैं. उनकी दोनों किडनियां काम नहीं कर रहीं हैं. उनका दिल्ली के एक अस्पताल में उपचार चल रहा है. यह जानकारी उनके सोशल मीडिया एकाउंट के जरिए दी गई है. बता दें कि अगस्त 2018 से अक्टूबर 2019 तक जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल रहे सत्यपाल मलिक समेत सात अन्य के विरुद्ध गुरुवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने किरू जलविद्युत परियोजना में 2,200 करोड़ रुपये के सिविल कार्यों के ठेके में कथित भ्रष्टाचार के सिलसिले में कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया है.

गुरुवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने किरू जलविद्युत परियोजना में 2,200 करोड़ रुपये के सिविल कार्यों के ठेके में कथित भ्रष्टाचार के सिलसिले में जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक समेत कुछ अन्य लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया. इसके बाद सत्यपाल मलिक ने बृहस्पतिवार को ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा था कि वह अस्पताल में भर्ती हैं. पोस्ट में बताया कि 11 मई से आरएमएल अस्पताल में भर्ती हूं। संक्रमण की शिकायत के चलते अस्पताल में भर्ती किया गया है था।
अब स्थिति बहुत गंभीर है और पिछले तीन दिनों से किडनी डायलिसिस की जा रही है। उन्होंने एक फोटो भी एक्स पर डाला है, जिसमें वह अस्पताल के बेड पर पड़े हुए दिख रहे हैं।
इससे पहले फ़रवरी 2024 में सीबीआई ने सत्यपाल मलिक और अन्य लोगों के परिसरों पर छापेमारी भी की थी. बता दें, एजेंसी ने तीन साल की जांच के उपरांत पूर्व गर्वनर मलिक और उनके दो सहयोगियों वीरेंद्र राणा और कंवर सिंह राणा को आरोपी बनाते हुए विशेष अदालत के समक्ष आरोप पत्र दाखिल किया था.

बताते चले कि सत्यपाल मलिक मूल रूप से यूपी के बागपत जिले के रहने वाले हैं. जाट समाज से ताल्लुक रखते हैं. इन्होंने मेरठ कॉलेज से भी पढ़ाई की है. इनकी शिक्षा की अगर बात करें तो बीएससी, एलएलबी, संसदीय मामलों में डिप्लोमा भी इन्होंने किया हुआ है. 1974 में भारतीय क्रांति दल से बागपत विधानसभा सीट से विधायक चुने गये थे. 1980 से 1989 के दौरान उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सांसद भी रह चुके हैं.
1984 में मलिक कांग्रेस में शामिल हुए और राज्यसभा सांसद बने थे. 1987 में बोफोर्स घोटाले के बाद कांग्रेस से इन्होंने इस्तीफा दे दिया था. 1988 जनता दल में शामिल हुए. तब उसी वर्ष 1989-1991 में अलीगढ़ से लोकसभा का चुनाव लड़े थे और विजयी रहे. 1996 में सत्यपाल मलिक ने समाजवादी पार्टी से अलीगढ़ से चुनाव लड़ा, लेकिन चूक गए. 2004 में भाजपा में शामिल होकर बागपत से लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन हार का सामना करना पड़ा. हालांकि बीजेपी ने उन्हें खूब सम्मान दिया इसका अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि 2012 में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी सत्यपाल मलिक बनाए गए थे. 2017-2018 में बिहार के राज्यपाल इन्हें बनाया गया था. 2018 ओडिशा के दो महीने के लिए अंतरिम राज्यपाल रहे. वहीं 2018 से 2019 के दौरान उन्हें जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के तौर पर काम करने का अवसर मिला. 2019 से 2020 तक गोवा के राज्यपाल भी सत्यपाल मलिक रहें. 2020 से 2022 में मेघालय के राज्यपाल भी वह रहे.

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