Tuesday, October 14

चार बड़े नालों का होगा पुनर्निर्माण, काली नदी मुहाने पर बनाया जाएगा स्लोप

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मेरठ 13 अक्टूबर (प्र)। महानगर को जलभराव की समस्या से निजात दिलाने के लिए नगर निगम ने चार बड़े नालों के पुनर्निर्माण करने का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा है। इन नालों का पक्का किया जाएगा और इनका नए सिरे से ढाल बनाया जाएगा, ताकि पानी की निकासी बेहतर हो सके। इतना ही नहीं काली नदी के मुहाने तेजी से पानी की निकासी के लिए स्लोप बनाया जाएगा। इसकी सफाई भी कराई जाएगी।

महानगर में जलनिकासी की चार बड़े प्रमुख नाले ओडियन नाला, आबू नाला, दिल्ली रोड नाला और कसेरूखेड़ा नाला से होती है। जल निकासी की स्थिति बेहद खराब है। नालों में सफाई के बावजूद पानी नालों में ही भरा रहता है, जिस कारण छोटे नाले भी ओवरफ्लो रहते हैं। हल्की सी बारिश होने पर महानगर जलमग्न हो जाता है, लोगों को खासी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। झमाझम बारिश होने पर महानगर में टापू जैसा नजारा होता है। इसकी एक वजह इन नालों में सीवर की गंदगी की निकासी भी करना है, इससे नालों में पानी की निकासी बाधित हो रही है, वहीं दुर्गंध भी बेतहाशा होती है, जबकि दूसरी वजह है नालों का ढाल सही नहीं होना या कच्चा नाला होना। ओडियन नाले के पानी की निकासी काली नदी में की जाती है। काली नदी के मुहाने पर करीब एक किलोमीटर तक सिल्ट का अंबार लगा है, यहां आबू नाला नीचा और काली नदी की सिल्ट बहुत ऊंची हो गई है, जिस कारण पानी की निकासी नहीं हो पा रही। दिल्ली रोड के नाले के पानी की निकासी गांव इटारा में हो रही है। यहां कई हजार एकड़ जगह में पानी रुका है। आगे निकासी नहीं हो पा रही। यह गांव नगर निगम की सीमा से बाहर है और जिला पंचायत के क्षेत्र में है।

इसलिए नगर निगम इस गांव से आगे पानी की निकासी नहीं कर रहा। यहां से अक्सर पानी वापस आ जाता है, जिससे नगर निगम के कई वाड़ों में जलभराव की समस्या खड़ी हो जाती है। इसी तरह आबू नाले के पानी की निकासी भी काली नदी में होती है। यहां भी काली नदी के मुहाने पर सिल्ट बहुत मोटी परत होने से जलनिकासी प्रभावित हो रही है। नाला कच्चा होने से इनका ढाल भी सही नहीं है कसेरूखेड़ा का नाला कच्चा है। और इसका ढाल सही नहीं है, जिस कारण इससे पानी की निकासी बाधित हो रही है। महानगर को जलभराव की समस्या से निजात दिलाने के लिए नगर निगम ने नालों के पुनर्निर्माण का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा है। इस योजना के तहत उक्त नालों को पुनर्निर्माण करके पक्का बनाया जाएगा। इनका ढाल भी सही किया जाएगा। शासन ने इसकी कार्य योजना बनाने के लिए जल निगम सीएंड डीएस को कार्यदायी संस्था नामित किया है। इसके बाद धन का आवंटन किया जाएगा।

शासन को भेजा नालों के पुनर्निर्माण का प्रस्ताव
महापौर हरिकांत अहलूवालिया का कहना है कि महानगर की जलनिकासी को बेहतर बनाने के लिए नगर निगम ने चार नालों के पुनर्निर्माण का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा है। पिछले माह मेरठ आए प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात से भी नालों को पक्का बनाने के लिए वार्ता की थी। उन्होंने बताया कि इसकी कार्य योजना बनाने को जल निगम सीएंड डीएस को कार्यदायी संस्था नामित किया है। इसके लिए धन आवंटित कराने के लिए शासन में प्रयास किए जाएंगे।

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