मेरठ 13 अक्टूबर (प्र)। शहर के विभिन्न इलाकों में सड़क निर्माण में घोटाला हो रहा है। सात इंच मोटी सड़क की जगह ठेकेदार, इंजीनियरों से मिलकर चार इंच का निर्माण कर रहे हैं। इसी तरह नाली की तली में निर्माण सामग्री मानक से कम दी जा रही है।
इस मामले में नगर आयुक्त सौरभ गंगवार ने एक्सईएन शिरिष कुमार, एई सीएल वर्मा और जेई सचिन कुमार को कारण बताओ नोटिस जारी कर निर्माण करने वाली फर्म पर जुर्माना लगाया गया और संबंधित जेई के वेतन में कटौती करने के आदेश दिए गए साथ ही मुख्य अभियंता प्रमोद कुमार सिंह से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।
रविवार को नगर आयुक्त ने मुख्य अभियंता के साथ वार्ड-48 (माधवपुरम) अन्तर्गत सरस्वती विहार, एफ ब्लाक में निर्मित कराई जा रही सड़क का निरीक्षण किया। निरीक्षण के समय सड़क का सरफेस सही न पाये जाने पर एक नयी लेयर डालकर निर्माण कराने के साथ ही कार्य निर्धारित मानकों व गुणवत्ता के साथ पूर्ण कराने के लिए जेई सौरभ कुमार को सख्त निर्देश दिये।
इसी प्रकार वार्ड-67, रामबाग कालोनी की विभिन्न गलियों में निर्माण करायी जा रही सीसी व नाली निर्माण कार्य के निरीक्षण के समय नाली की तली में स्टोन ब्लास्ट मानक के अनुसार कम पाये जाने व चिनाई आदि का कार्य सही प्रकार से नहीं होने पर नगर आयुक्त ने जेई संदीप कुमार को सख्त चेतावनी दी। कहा कि मानक के अनुसार ही निर्माण कार्य न होने पर संबंधित अभियन्ता को उत्तरदायी मानते हुए उनके वेतन से कटौती की जाएगी। इसके बाद नगर आयुक्त वार्ड-48 में द्वारकापुरी में बन रही सीसी रोड की जांच के लिए पहुंचे। वहां नगर आयुक्त ने फीते से सड़क के निर्माण की जांच की तो दंग रह गए। एस्टीमेट में सड़क की मोटाई सात इंच के स्थान पर चार इंच की मिली। इस मामले में एक्सईएन शिरिष कुमार, एई सीएल वर्मा, जेई सचिन कुमार को कारण बताओ नोटिस जारी करने के साथ ही संबंधित अभियंताओं व निर्माण एजेंसी फर्म के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई के निर्देश दिये, साथ ही मुख्य अभियन्ता प्रमोद कुमार सिंह से विस्तृत रिपोर्ट तलब की गई।
नगर आयुक्त सौरभ गंगवार का कहना है कि रविवार को मैंने, मुख्य अभियंता के साथ माधवपुरम, रामबाग कालोनी समेत कई स्थानों के सड़क, नाली निर्माण की जांच की। जांच में गड़बड़ी मिली है। सभी अभियंताओं को निर्माण कार्याे को अपने सामने शुरू कराने के साथ ही प्रतिदिन कार्य क्षेत्र अंतर्गत किए कार्यों का निरीक्षण रिपोर्ट जियो टैग फोटोग्राफ के साथ उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। घटिया निर्माण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा ।
गृहकर वसूली पर भी सख्ती
नगर आयुक्त ने गृहकर वसूली की समीक्षा करते हुए मुख्य कर निर्धारण अधिकारी को आदेश दिया कि 30 अक्टूबर तक सभी वार्डों, कॉलोनियों और मोहल्लों में बिल हर हालत में वितरित कर दिए जाएं। कर अधीक्षक और राजस्व निरीक्षक प्रतिदिन किए गए कार्य की रिपोर्ट शाम को समीक्षा बैठक में देंगे। मुंशी और अनुचर द्वारा वितरित बिलों का पावती के साथ मिलान अनिवार्य होगा।