Saturday, July 27

शुभ योग में हुई गोवर्धन पूजा, औघड़नाथ अन्नक्षेत्र आदि मंदिरों में हुआ अन्नकूट छप्पनभोग प्रसाद का वितरण

Pinterest LinkedIn Tumblr +

मेरठ 14 नवंबर (प्र)। आज देशभर में गोवर्धन पूजा शुभ संयोग में सुबह शुरू होकर 1 बजकर 57 मिनट तक चली और उसके बाद भी मंदिरों में भक्तों को छप्पन भोग का प्रसाद और कढ़ी चावल मंदिर की प्रबंधन समितियों व भक्तों द्वारा वितरित किये जा रहे थे। उत्तरी भारत के प्रसिद्ध काली पलटन औघड़नाथ मंदिर परिसर में भगवान राधा कृष्ण मंदिर में 20 प्रकार की सब्जियों से युक्त छप्पन भोग लगाये गये। यहां पूर्व अध्यक्ष डा0 एमके बंसल वर्तमान अध्यक्ष सतीश सिंघल महामंत्री राजेन्द्र जी साइंसवाले कोषाध्यक्ष अतुल अग्रवाल आदि ने आरती के बाद 12 बजे भगवान को भोग लगाने के उपरांत प्रसाद का वितरण शुरू किया।

बताते है कि कई हजार लोगों को ब्रजभूषण गुप्ता भारत भूषण अशोक चौधरी आदि द्वारा प्रसाद वितरित किया गया। इसके अतिरिक्त सदर सब्जी मंड़ी स्थित बाबा धानेश्वर नाथ में अनिल गुप्ता भारतभूषण आदि ने वामन भगवान तथा रेलवे रोड़ स्थित सिद्धपीठ श्रीनाथ जी मंदिर सहित शहर के तमाम मंदिरों में आज पुजारियों के साथ प्रबंधन समितियों के पदाधिकारी व सदस्यों ने पूजा पाठ उपरांत छप्पन भोग लगाये। और श्रद्धालुओं को कड़ी चावल कचौड़ी हलुवे सहित छप्पन चीजों से बने व्यंजन प्रसाद में वितरित किये। काली पलटन वेस्ट एण्ड रोड़ स्थित अन्नपूर्णा मंदिर अन्न क्षेत्र में रोज की भांति जरूरतमंदों को भोजन कराया गया। और अन्नकूट के छप्पन भोग के प्रसाद संस्थापक महामंत्री ब्रजभूषण गुप्ता अनिल अग्रवाल सुरेश चंद पुष्पदीप अशोक गर्ग आदि ने नितिन गुप्ता रमाकांत उदय गजेन्द्र पंड़ित अम्बिका प्रसाद अरूण शर्मा आदि के सहयोग से प्रसाद का वितरण किया। रेलवे रोड़ के श्रीनाथ मंदिर में समिति के अध्यक्ष सुबोध गर्ग सचिन कुमार विनय सिंघल आदि ने प्रसाद बांटा। कुल मिलाकर गोवर्धन पूजा कई स्थानों पर विधि विधान से हुई। पूर्व की भांति प्रसाद का वितरण जगह जगह हुआ। बताते है कि भगवान कृष्ण ने जब इन्द्र नाराज हो गये और बरसने लगे तो ब्रज वासियों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत अपनी अंगुली पर उठा लिया और अपनी दिव्य शक्ति से हजारों ब्रजवासियों व जीव जंतुओं को भगवान इन्द्र के प्रकोप से बचाया। तब से हर वर्ष गोवर्धन पूजा दिपावली के बाद और भाईदूज से पहले दिन देशभर में होती है। और ब्रज क्षेत्र में तो आज के दिन मेले का सा माहौल रहता है।

Share.

About Author

Leave A Reply