मेरठ 12 मई (प्र)। माननीय मुख्यमंत्री जी आपके आदेशो के बावजूद मेरठ विकास प्राधिकरण मेडा के अवैध निर्माण रोकने से संबंध कुछ अधिकारी और कर्मचारीयों ने अपने देश के ग्रामो में प्रचलित कहावत दुलहन वही जो पिया मन भाए को आत्मसात कर लिया गया लगता है क्यूंकी सरकारी भूमि घेरकर मानचित्र के विपरीत शासन की निर्माण नीति के विरुद्ध हो रहे निर्माण जीसपर इनकी महरबानी हो वो सही और जिस से जे.ई साहब नाराज हो जाए वो निर्माण चाहे छोटा हो या बड़ा उस पर सील भी लग जाती है और बुलडोजेर भी चल जाता है और जिस से यह प्रसन्न होते है वो अगर बिलकुल सड़क किनारे से भी निर्माण शुरू कर दे तो जांच के नाम पर उसे इनके द्वारा अभय दान दे दिया जाता है।
माननीय मुख्यमंत्री जी इसके जीते जागते सबूत के रूप में शास्त्रीनगर के निकट सराएकाजी के पास आवास विकास परिषद की जागृति विहार योजना संख्या प्रस्तावित 36 मीटर चौड़ी रोड पर खसरा नंबर 243 / 246 चाणक्य पूरी में हो रहे इस निर्माण को देखा जा सकता है
बताते है कि डा0 लोकेश कुमार प्रजापति द्वारा जब कमिश्नर साहब से शिकायत की गयी तो आवास विकास और मेडा दोनों के अधिकारी सक्रिय हुए और एक बार निर्माण को कुछ गिराया भी गया बाताया जाता है ।
मगर जानकारों का कहना है कि संबन्धित विभाग के कुछ अधिकारियों की मिली भगत से निर्माण फिर शुरू हुआ और शिकायत होने पर कुछ दिन के लिए रुकवाने का ढोंग रचा गया ।
क्योंकि जानकारो के अनुसार अंदर निर्माण चलता रहा और बाहर गेट पर एक आदमी बैठा दिया गया की अगर कोई आवास विकास या मेडा से आता है तो अंदर पहले बता दिया जाए जिस से काम को रुकवाया जा सके । महोदय पिछले दिनों मेडा के प्रवर्तन विभाग के नोडल अधिकारी धीरज यादव ने जांच कराई और काम रुकवाने की बात कहकर मामले की समाप्ती कर दी लेकिन निर्माण कार्य निरंतर चल रहा बताते है ।
स्मरण रहे की कुछ वर्ष पूर्व इसी कालोनी में जरा सा मानचित्र के विरुद्ध हो रहे छोटे से निर्माण को तो सील करा दिया गया था लेकिन सामने पूरी तौर पर अवैध रूप से बनते नज़र आ रहे इस निर्माण की और से संबन्धित अधिकारियों ने आंखे क्यू मीच ली है ।
नागरिकों की शिकायतों पर आपको संबोधित ये समाचार जनसुनवाई पोर्टल पर इसलिए भेजा जा रहा है की पूर्व में आवास एवं श्हरी नियोजनविभाग के अपर मुख्य सचिव से भी शिकायतकर्ता ने भी करवाही का आग्रह किया था लेकिन पता नहीं क्या कारण है की चाणक्यपुरी में जिस जमीन पर यह निर्माण हो रहा है खबरो के अनुसार उसमे करोड़ो रूपाय की सरकारी जमीन कुछ लोगो ने बेची भी बताई जा रही है उनके विरुद्ध कोई करवाही हुई न ही वर्तमान में निर्माणकर्ता के खिलाफ आखिर एक सम्मानित व्यक्ति डॉ लोकेश प्रजापति ने लिखीत में शिकायत की गयी बताते है फिर भी कोई कोई प्रभावी करवाही क्यों नहीं हुई और निर्माण निरंतर कैसे हो रहा है शासन की निर्मना नीति के विपरीत यह विशय सोचनीय है।