मेरठ 04 दिसंबर (प्र)। कुंभ मेले की तैयारियां जोरशोर से चल रही हैं। जिला प्रशासन से लेकर प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी तक अपनी तैयारियों में जुट गए हैं। जनवरी माह में शुरू होने वाले कुंभ मेले में देशभर से करोड़ों श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए आते हैं, इसलिए शासन ने हर बार की तरह इस बार भी ऐसे उद्योगों को नोटिस भेजे हैं, जो गंगा को मैली करते हैं। उनका गंदा पानी गंगा में जाता है। शासन के आदेश के बाद उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी ने मेरठ और बागपत की 54 फैक्ट्रियों को नोटिस भेजा है कि वह गंदा पानी गंगा में न बहाएं। हो सके तो कुंभ मेले तक अपने उद्योग को बंद रखें।
इन उद्योगों को भेजे गए नोटिस क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी भुवन प्रकाश यादव ने बताया कि डिस्टलरी उद्योग, शराब उद्योग, पेपर मिल, टेक्सटाइल उद्योग जैसी 54 फैक्ट्रियों को नोटिस भेजा गया है। क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी ने सीधे सीधे कहा है कि कुंभ मेले के दौरान रंगीन पानी, काला पानी गंगा में गया तो उद्योग को सील भी किया जा सकता है। शासन के आदेश के बाद ही यह कदम उठाया गया है।
निगरानी को मेरठ में बनीं तीन कमेटी क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी भुवन प्रकाश यादव ने बताया कि मेरठ में हर तहसील में निगरानी कमेटी का गठन किया गया है। हर तहसील के एसडीएम को निगरानी कमेटी का नोडल अधिकारी बनाया गया है।
यह कमेटी समय समय पर जाकर फैक्ट्रियों की जांच करेगी। प्रदूषण विभाग की भी एक टीम मेरठ और बागपत जनपदों में फैक्ट्रियों का निरीक्षण करती रहेगी।
इन तारीखों में तो बंद करना होगा उद्योग
भुवन प्रकाश यादव ने बताया कि चार जनवरी से छह जनवरी और 13 को पौष पूर्णिमा का स्नान है। पांच जनवरी से सात जनवरी त 14 जनवरी को मकर संक्रांति का स्नान है। 20 जनवरी से 22 तक व 29 जनवरी को मौनी अमावस्या का गंगा स्नान है। कुल मिलाकर करीब 12 दिन तक कुछ उद्योगों को पूर्ण रूप से बंद किया जाएगा।
क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी भुवन प्रकाश यादव का कहना है कि जब भी कुंभ मेला आता है। हर बार शासन से गंगा को लेकर एक आदेश जारी होता है। उद्योग मालिकों से कहा जाता है कि वह गंगा में प्रदूषित पानी नहीं डालेंगे। इसी आदेश के तहत मेरठ-वागपत की 54 फैक्ट्रियों को अभी नोटिस दिया गया है। स्नान के दौरान इन्हें बंद भी कराया जाएगा।