Tuesday, October 14

प्रमुख सचिव राज्यकर शासन हित में माफियाओं का नेटवर्क तोड़ने और टैक्स चोरी रोकने के लिए अभियान की शुरुआत यूपी के सीएम साहब से कराएं तो तीन लाख करोड़ से ज्यादा का राजस्व हासिल हो सकता है

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प्रमुख सचिव राज्यकर एम देवराज द्वारा जिलों में सक्रिय माफियाओं के नेटवर्क को खत्म करने के दिए गए निर्देश वक्त की सबसे बड़ी मांग है। लेकिन सत्ताधारी पार्टी का झंडा लगाकर और पार्टी बदलने में सक्षम इस माफिया नेटवर्क के खिलाफ जोनल अपर आयुक्त कार्रवाई कर पाएंगे ऐसा संभव नहीं लगता है। प्रमुख सचिव राज्यकर एम देवराज जी अगर यह बात आपने सीएम साहब के माध्यम से कहलवाई होती और निर्देश भिजवाए होते तो कहा जा सकता है कि तीन लाख करोड़ राजस्व प्राप्त करने का लक्ष्य आसानी से पूरा हो सकता था।
क्योंकि वर्तमान समय में जितना दिखाई दे रहा है शहर व देहातों में सक्रिय माफिया जो अपने दूसरी पार्टी में दंभ भरते थे अब भाजपा के सत्ता में आते ही अपनी गाड़ियों पर उसका झंडा लगाने के साथ विशेष अवसरों पर प्रधानमंत्री से लेकर महानगर अध्यक्ष के साथ अपने फोटो छपवाकर अपने आप को पावरफुल सिद्ध करने में लगे हैं। कुछ वर्षों में सरकारी भूमि घेरकर बेचने और अन्य माफिया जिनके खिलाफ थानों में भी मुकदमे दर्ज हैं मगर कोई भी इस बारे में उनके खिलाफ बोलने को तैयार नहीं है ऐसी परिस्थिति में प्रमुख सचिव राज्यकर एम देवराज जी आप सोच सकते हैं कि जोनल अपर आयुक्तों में से कोई भी इनके खिलाफ कार्रवाई करने का खतरा आसानी से मोल नहीं ले पाएगा। अगर आप चाहते हैं कि टैक्स चोरों के नेटवर्क को तोड़कर तीन लाख करोड़ की राजस्व वसूली हो उसके लिए आपको सीएम का मार्गदर्शन प्राप्त कर उनसे यह घोषणा करानी चाहिए। मैं समझता हूं कि अगर ऐसा होता है तो प्रदेश के बड़े बकायेदारों से वसूली होगी और कर चोरी रुकेगी और समाज में बगुला भगत बनकर घूम रहे टैक्स चोरों का पर्दाफाश हो सकता है और फर्जी फर्म बनाकर टैक्स चोरी रोकी जा सकेंगी। वरना आप कितनी भी जांच करा लीजिए मेरी निगाह में इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
(प्रस्तुतिः- रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)

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