Saturday, September 7

मेरठ-हापुड़ लोकसभा क्षेत्र अगर महिला सीट नहीं हुई तो राजेंद्र अग्रवाल का लड़ना ही पक्का

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विनीत शारदा अग्रवाल कहां करेंगे जोर आजमाइश, डॉ. सरोजिनी अग्रवाल की बात में है दम
मेरठ 26 सितंबर (विशेष संवाददाता)। 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में महिला बिल पास होने से पहले यह स्पष्ट था कि बिना किसी बड़े कारण के पूर्व में जीते सांसद को हटाया नहीं जाएगा। लेकिन अब परिस्थितियों में कुछ बदलाव हो सकता है क्योंकि जो महिला सीटें घोषित होंगी वहां पूर्व में कोई भी लोकसभा में प्रतिनिधित्व कर रहा हो उसके स्थान पर किसी महिला उम्मीदवार को चुनाव लड़ाना सभी दलों की मजबूरी होंगी। यह बात महिला नेता और वर्तमान सांसद भी समझ रहे हैं। बीते दिनों जिला पंचायत की पूर्व अध्यक्ष और जानी मानी चिकित्सक एमएलसी डॉ सरोजिनी अग्रवाल ने एक सवाल के जवाब में कहा था कि टिकट मिला और महिला सीट हुई तो लोकसभा का चुनाव जरूर लड़ूंगी। यहां तक तो सब ठीक है इसमें वर्तमान सांसद को ना तो कोई नाराजगी हो और महिलाओं को प्रतिनिधित्व मिलेगा लेकिन कुछ कर्मठ और नामचीन भाजपा नेता जो लोकसभा चुनावों में विभिन्न क्षेत्रों से अभी से अपनी दावेदारी ठोक रहे हैं। उसके पीछे क्या कारण है यह तो वही जान सकते हैं। लेकिन यह पक्का है कि पूर्व सांसद जो आरोप विहीन है उनका टिकट कट पाना आसान नहीं है। इस सबके बावजूद मेरठ के शास्त्रीनगर में निवास करने वाले उप्र भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ के संयोजक विनीत शारदा अग्रवाल और उनके समर्थक किस दम पर यहां से चुनाव लड़ने की दावेदारी कर रहे है। यह विषय चर्चाओं का है। पूर्व में विनीत शारदा अग्रवाल के जन्मदिन पर कई स्थानों पर उनके प्रशंसकों व व्यापारियों ने उनका जन्मदिन मनाया। अनाथाश्रम में फल और मिठाई वितरित कराई और मुख्य मार्गों पर होर्डिंग लगवाए गए। इस मौके पर यह सुगबुगाहट पूरी तौर पर सुनाई दी कि वैश्य समाज व्यापारियों में अपनी भरपूर घुसपैठ रखने वाले व्यापारी नेता विनीत शारदा अग्रवाल इस बार चुनाव जरूर लड़ेंगे। इस संदर्भ में क्षेत्रवासियों का कहना है कि अगर महिला सीट नहीं होती है तो एक बार कांग्रेस की लहर और दो बार भाजपा की हवा में चुनाव जीते बेदाग छवि के राजेंद्र अग्रवाल का टिकट कटना असंभव है। अगर वो नहीं चाहेंगे तो। ऐेसे में सवाल उठता है कि विनीत शारदा अग्रवाल क्या यूपी में कही ओर से लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे तो इसका जवाब किसी के पास नहीं है।
इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि विनीत शारदा व्यापारी और वैश्य समाज की राजनीति में अपना प्रमुख जनाधार रखते हैं। इसलिए हो सकता है कि किसी व्यापारी या वैश्य समाज बाहुल क्षेत्र से उन्हें पार्टी चुनाव लड़ा सकती है। चर्चा में दम की बात नजर आती है।

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