कुशीनगर, 26 सितंबर। कुशीनगर के पडरौना में हाईवे पर चलती कार में सामूहिक दुष्कर्म की शिकार हुई किशोरी थाने में दरिंदों की दरिंदगी बताकर रो पड़ी और मां से लिपट गई। वहां मौजूद महिला सिपाही ने किशोरी को समझाया, लेकिन इसकी सिसकियां कम नहीं हुई।
किशोरी की मां ने बताया कि घटना के बाद घर पहुंची युवती सहमी हुई थी और रात को सो नहीं रही थी, तो निजी डॉक्टर से इलाज कराना पड़ा। इसके बाद तबीयत में सुधार हुआ। उसकी बड़ी बहन और माता-पिता साथ में दिन भर थाने से लेकर सीएचसी तक परेशान रहे।
थाने में मौजूद किशोरी ने बातचीत के दौरान बताया कि मां गांव में समूह की मीटिंग में गई थी और पिता मजदूरी करने गांव में गए थे। घर में मैं अकेली थी। दोपहर में गांव का क्यामुद्दीन आया और यज्ञशाला की तरफ लेकर चला गया। वहां रात को बगीचे में रखा और गलत काम किया। विरोध करने पर सुबह छोड़ने की बात कही। इसके बुलाने पर तीन युवक कार लेकर पहुंचे और उसे जबरन लेकर गोरखपुर-हाटा हाईवे पर चले गए। कार में चारों युवकों ने शराब और सिगरेट पी। इसके बाद जहांगीर अपने मोबाइल में अश्लील वीडियो मुझे जबरन दिखा रहा था। विरोध करने पर मार रहा था। इसके बाद चारों युवक सामूहिक दुष्कर्म किए।
पीड़िता ने कहा कि सुबह से लेकर शाम तक कार में उसे लेकर घूमते रहे। दिन में खाना तक नहीं दिया, सिर्फ पानी और बिस्किट दिए थे। रात को जब लेकर थाने में युवक पहुंचे थे, जहांगीर ने इंस्पेक्टर से हाथ मिलाया और सभी साथ बैठकर चाय पी। इसके बाद मेरे घरवालों को बुलाया गया। मां कार्रवाई की जिद्द पर अड़ गई और मुझे घर ले जाने से मना कर दिया। लेकिन पुलिस वाले उस दिन आरोपियों का ही पक्ष लेने लगे। किशोरी की मां ने बताया कि लग रहा था कि अब न्याय नहीं मिलेगा। थाने में आने पर इंस्पेक्टर अपशब्द बोलकर भगा देते थे और उनके पास ही आरोपी बैठा रहता था। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस सक्रिय हुई और न्याय मिला।