मेरठ 21 जून (प्र)। सरधना का सुप्रसिद्ध, ऐतिहासिक बूढ़ा बाबू मेला शुक्रवार को राजनीति और विवादों की भेंट चढ़ गया। शुक्रवार को मेले का शुभारंभ होना था। लेकिन हिंदू संगठन के लोगों ने मेला शुभारंभ के पहले ही बूढ़ा बाबू मंदिर के गेट को बंद कर उस पर ताला लगा दिया। लोगों ने कहा कि मेले का नाम बूढ़ा बाबा है लेकिन कुछ लोगों ने मेले के नाम को बदलने की साजिश रची है। हम यह नही होने देंगे।ये लोग अड़ गए कि आज ही मेले का नाम बदलकर कागजों में बाबू से बाबा किया जाए तभी मेला शुरू होने देंगे। इसी बात पर काफी विवाद हो गया। अंत में किसी तरह मेला शुरू कराया गया।

मेले के शुभारंभ से पहले जब पंडित पूजा सामग्री लेकर मंदिर में बैठे थे, हिंदू संगठनों के सदस्यों ने मंदिर में प्रवेश कर ताला लगा दिया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने समझाने का प्रयास किया, लेकिन संगठन नहीं माने। हिंदू संगठनों ने मंदिर का नाम का बैनर मेले में बदलने का विरोध करते हुए पूजा को रोक दिया। संगठनों का आरोप है कि नगर पालिका और कुछ लोगों ने मंदिर का नाम बूढ़ा बाबा से बदलकर बूढ़ा बाबू कर दिया है।
एडीएम सत्य प्रकाश और एसडीएम दीक्षा जोशी ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभालने का प्रयास किया। संगठनों ने स्पष्ट कर दिया कि जब तक मंदिर का नाम सही नहीं किया जाएगा, पूजा नहीं होने देंगे। लंबी बहस के बाद भी कोई समाधान नहीं निकला।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह ब्रह्मा जी का मंदिर है। यह परंपरागत रूप से बूढ़ा बाबा के नाम से जाना जाता है। नगर पालिका अध्यक्ष विशेष समुदाय के हैं वह इसका नाम चेंज करना चाहते हैं जिसको लेकर यह सब विवाद हो रहा है। संगठनों ने संभल की घटना का जिक्र करते हुए प्रशासन पर आरोप लगाया।
सरधना विधायक अतुल प्रधान ने मेले का उद्घाटन किया। वे रामलीला मैदान भी पहुंचे, जहां केवल बच्चों की भीड़ थी। विधायक ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित किया और वाल्मीकि समाज के प्रतिनिधि से फीता कटवाकर मेले का शुभारंभ कराया।