मेरठ 24 जून (प्र)। सेंट्रल मार्केट अवैध निर्माण ध्वस्तीकरण के टेंडर को मंजूरी मिलने के बाद जिला प्रशासन ने ध्वस्तीकरण कार्रवाई के लिए एसीएम सिविल लाइन को मजिस्ट्रेट नियुक्त कर दिया है। इसके लिए आवास एवं विकास परिषद ने डीएम से मुलाकात की थी। एसएसपी से पुलिस बल मांगा गया है।
आवास एवं विकास परिषद सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनुपालन कराने के लिए तेजी से काम कर रहा है। वहीं, परिषद मुख्यालय से मामले की निगरानी की जा रही है।
देश की सर्वोच्च अदालत ने 17 दिसंबर 2024 को सेंट्रल मार्केट में आवासीय भवन का भू उपयोग परिवर्तन कर बनाए गए व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स संख्या 661/6 को ध्वस्त करने के हाईकोर्ट के आदेश पर मुहर लगाते हुए इस जैसे अन्य अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने के आदेश दिए थे। व्यापारियों को परिसर खाली करने के लिए 90 दिन का समय देने और इसके बाद आवास विकास को 15 दिन के अंदर अवैध निर्माण ध्वस्त करने को कहा था। साथ ही अवैध निर्माण के लिए जिम्मेदार परिषद अधिकारियों पर भी एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए थे। इस बीच राहत पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट गए व्यापारियों के सभी प्रार्थनापत्र को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। अवैध निर्माण ध्वस्त करने के लिए परिषद ने 1.67 करोड़ का टेंडर जारी किया था, लेकिन टेंडर प्रक्रिया में एक फर्म के आने से यह टेंडर तीन बार आगे बढ़ाया गया है। चौथी बार भी एक ही फर्म के टेंडर डालने पर इसे मंजूरी के लिए परिषद मुख्यालय भेजा गया था।
मुख्यालय से गत शनिवार को टेंडर पर मुहर लगा दी है। परिषद अधिकारियों की मांग पर जिला प्रशासन ने एसीएम सिविल लाइन को मजिस्ट्रेट नियुक्त कर दिया है। परिषद के अधिशासी अभियंता आफताब अहमद ने बताया कि जिला प्रशासन की तरफ से मजिस्ट्रेट नियुक्त कर दिया गया है। एसएसपी से पुलिस बल की मांग की गई है। रिपोर्ट तैयार कर परिषद मुख्यालय भेजी जा रही है।
