प्राइवेट हॉस्पिटलों में महंगे इलाज तथा अन्य जनहित के कई बिंदुओं को लेकर न्यूटीमा हॉस्पिटल से जुड़े एक प्रकरण में सपा विधायक अतुल प्रधान द्वारा जनहित में चलाया गया आंदोलन और भूख हड़ताल व महापंचायत के बाद 15 दिन का समय इस मामले का निस्तारण हेतु जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा मांगा गया था लेकिन अतुल प्रधान ने 30 दिन का अल्टीमेटम देकर अपनी भूख हड़ताल समाप्त की थी। छात्र जीवन से ही जुझारू अतुल प्रधान के इस आंदोलन से नागरिकों को काफी उम्मीद थी कि इसके बाद प्राइवेट नर्सिग होम संचालकों की गलत कार्य प्रणाली पर रोक लगेगी। शायद इसीलिए सपा आप और अन्य विपक्षी दलों के साथ साथ भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत और पंजाब के किसान नेता गुरनाम चढूनी व सपा के बड़े नेता भी इस आंदोलन में आए थे।
मेडा ने भी इस बारे में न्यूटीमा के खिलाफ कार्रवाई हेतु कई प्रभावी कदम उठाने के साथ ही कुछ दावे भी किए थे। विधायक द्वारा दिया गया 30 दिन का समय समाप्त हो गया है। शुरू शुरू में मेडा अफसरों के बयान आए कि अवैध निर्माण तोड़ने के लिए फोर्स मांगी गई है। फिर पता चला कि अस्पताल संचालकों द्वारा शमन की कार्रवाई शुरू की गई लेकिन मेडा उपाध्यक्ष या सचिव की ओर से आजतक ना तो यह बताया गया कि अवैध निर्माण में कितना तोड़ा जाएगा और शमन होगा। कब तक यह कार्रवाई पूरी की जाएगी और ना ही यह बताया कि कितना शमन शुल्क जमा होगा। ये जरूर है कि जैसे जैसे समय बीत रहा है वेैसे वैसे लगता है कि जिस प्रकार प्राधिकरण में समयानुसार फाइलें दबती चली जाती हैं और लोग उसे भूलने लगते है ऐसा ही प्रयास इस मामले में होता नजर आ रहा है वरना विधायक अतुल प्रधान द्वारा जो यह मुददा उठाया गया था उसका कहीं भी जनता में विरोध नहीं हुआ था। उसके बाद भी यह प्रकरण पूरी तौर पर नजर अंदाज क्यों किया जा रहा है और अभी तक मेडा अफसरों ने कोई कार्रवाई क्यों नहीं की यह विषय चर्चा का बना हुआ है। मेडा उपाध्यक्ष पूर्व में बुलंदशहर में नियुक्ति के दौरान कई ऐसी योजनाएं बना चुके हैं जो शासन स्तर पर चर्चित हुए हैं और उनकी ईमानदारी की बात चारों ओर होती है लेकिन पता नहीं कौन से कारण है जो न्यूटीमा मामला उनके द्वारा भी नजर अंदाज किया जा रहा है। कुछ लोगों का कहना है कि अवैध नर्सिंग होेमों को दी जा रही छूट से सीएम के निर्देशों का उल्लंघन हो रहा है और इससे अवैध निर्माणों को बढ़ावा मिलेगा। बताते चलें कि अतुल प्रधान के आंदोलन से पूर्व भाजपा नेताओं ने भी एमडीए वीसी के सामने अवैध निर्माणों का मुददा उठाया था और एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा था कि अवैध नर्सिंग होम समस्याओं का कारण बन रहे हैं। वीसी साहब यह मुददा जनहित का है। दोबारा यह ना उठे इसलिए न्यूटीमा प्रकरण में क्या हो रहा है इस बारे में विभाग को नागरिकों को अवगत कराना चाहिए।
मेडा वीसी बताएं कब होगी न्यूटीमा के खिलाफ कार्रवाई, क्या अतुल प्रधान का जनहित का आंदोलन ?
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