मेरठ 12 नवंबर (प्र)। करीब 13 साल बाद एक बार फिर बिजली बंबा बाईपास के चौड़ीकरण की कवायद तेज हो रही है। मेडा जल्द ही बढ़ते ट्रैफिक और जाम से जूझ रही शहर की लाइफ लाइन बिजली बंबा बाईपास के लिए रोड वाइडनिंग की जमीन वाले किसानों को नोटिस भेजने जा रहा है। इन किसानों से जमीन के बदले मुआवजा देने के बजाय नए प्रयोग के तहत टीडीआर यानि जमीन के ट्रांसफरेबल डेवलपमेंट राइट्स (टीडीआर) और अतिरिक्त फ्लोर एरिया रेश्यो यानि एफएआर उपलब्ध कराएगा। इस नई योजना के तहत किसान अपनी डेवलप जमीन पर खुद बढ़े एफएआर पर निर्माण कर सकेंगे या अपनी टीडीआर और एफएआर किसी भी रीयल एस्टेट कारोबारी को बेच सकेंगे।
करीब 8 किमी लंबा बिजली बंबा बाईपास दिल्ली रोड को हापुड़ रोड से जोड़ता है। बाईपास पर बढ़ते वाहनों के दबाव के चलते इसके चौड़ीकरण पर लंबे समय से मंथन चल रहा है। पहले बाईपास के रजवाहे के दूसरी तरफ पटरी पर सड़क बनाने का प्रस्ताव बनाया गया था लेकिन सिंचाई विभाग के पेंच से यह पूरा नहीं हो सका। अब मेडा ने बाईपास की पटरी को चौड़ा करने प्लान बनाया है।
टीडीआर और एफएआर की सुविधा मिलेगी
मेडा उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय ने बताया कि बिजली बंबा बाईपास को चौड़ा करने के लिए किसानों से सड़क किनारे की 7 मीटर चौड़ी जमीन ली जाएगी जो करीब पांच हेक्टेयर होगी। इसके लिए मेरठ विकास प्राधिकरण किसानों को जमीन का मुआवजा देने की बजाय ट्रांसफरेबल डेवलपमेंट राइट्स के साथ अतिरिक्त एफएआर की सुविधा प्रदान करेगा। इस नई योजना से किसानों को ज्यादा लाभ होगा।
दो साल पहले अस्तित्व में आई टीडीआर नीति
ट्रांसफरेबल डेवलपमेंट राइट्स यानि हस्तांतरण एवं विकास अनुज्ञा उपविधि 23 अगस्त 2022 को लागू की गई है। इस उपविधि के तहत किसानों को उनकी जमीन के बदले एफएआर में छूट प्रदान कर दी जाती है। इस छूट के बाद किसान अपनी जमीन पर दोगुना तक निर्माण कर सकते हैं या किसान अपनी इस एफएआर को किसी भी कॉलोनाइजर या बिल्डर को बेच सकते हैं।
क्या है टीडीआर और एफएआर
टीडीआर यानि ट्रांसफरेबल डेवलपमेंट राइट्स को रियल एस्टेट इंडस्ट्री का कच्चा माल माना जाता है। यह डेवलपर को ज्यादा फ्लोर स्पेस इंडेक्स (एफएसआई) की अनुमति देता है। वहीं एफएआर किसी इमारत के कुल फ्लोर एरिया और उस जमीन के आकार के बीच के अनुपात को बताता है जिस पर इमारत बनाई गई है। शहर की योजना बनाने में इस्तेमाल होने बाले नियमों में से ये एक है। किसी सरकारी प्रोजेक्ट के लिए जमीन ली जाती है तो अतिरिक्त फ्लोर एरिया रेश्यो दिया जाता है। जमीन मालिक को मुआवजे की जगह टीडीआर सर्टिफिकेट को ऑनलाइन शेयर की तरह ट्रेड किया जा सकता है।