मेरठ 18 दिसंबर (प्र)। सऊदी अरब के मक्का की क्रिमिनल कोर्ट द्वारा मेरठ के 36 साल के जैद को सुनाई गई मौत 15 साल की कैद में बदल गई है। जैद ने इसको लेकर क्षमा याचिका (मर्सी पिटीशन) दायर की थी। जैद को पिछले साल ड्रग्स के साथ गिरफ्तार किया गया था। जेद्दाह स्थित दूतावास ने जैद के परिजनों से अपील करने को कहा था।
सऊदी अरब में मौजूद जैद के भाई मोईन का ये भी कहना है कि उनके वकील ने जानकारी की तो उसमें ऑनलाइन अपडेट सजा 15 साल की दिख रही है। लेकिन जो लेटर भारत गया है, उसमें मौत की सजा है। ऐसे में इसके बारे में पता कर रहे हैं कि कहीं बाद में मौत की सजा को 15 साल में तो नहीं बदल दिया गया है।
मेरठ में मुंडाली थाना क्षेत्र के रछौती गांव में जुबैर अहमद रहते हैं। परिवार में पत्नी रिहाना और 7 बेटे हैं। इसमें तीन बेटे मोईन (40 साल), जैद (36 साल) और फैसल (19 साल) सऊदी अरब में ड्राइवर की नौकरी करते हैं।
मुंडाली थाने के रछौती गांव निवासी जैद पुत्र जुबैर जून 2018 में सऊदी अरब की स्वालेह मुहम्मद अल सुदेश कंपनी में चालक की नौकरी करने गया था। बेहतर नौकरी नहीं मिलने पर वह वहीं अल जफर कंपनी तनाजुल में चालक के पद पर काम करने लगा। एक वर्ष बीता ही था कि जैद की गाड़ी दुघर्टनाग्रस्त हो गई। कंपनी मालिक ने जैद से गाड़ी की कीमत वसूलने को मुकदमा कर दिया। इसी दौरान वहां से नौकरी छोड़कर वह एक पुलिस की गाड़ी पर चालक के रूप में काम करने लगा। यहां पाकिस्तान के दो नागरिक पहले से ही कार्यरत थे। जैद के भाई सुहैल ने बताया कि पुलिस अफसर रात में तीनों से कूड़े के डंपर चलवाता और दिन में घरेलू वाहन से जगह-जगह संदिग्ध सामान भिजवाता था। एक दिन चेकिंग में जैद की गाड़ी रोकी गई तो उसमें मादक पदार्थ जब्त किया गया। इसके बाद पुलिस ने जैद सहित तीन आरोपियों को जेल भेज दिया।
इसी मामले में मक्का क्रिमिनल कोर्ट ने जैद और एक पाकिस्तान नागरिक को सजा-ए-मौत सुनाई और तीसरे को बरी कर दिया। जैद ने दया याचिका दायर की तो सजा-ए-मौत को उम्रकैद में बदल दिया गया। जैद ने पुन: याचिका दायर की तो तो सजा को अर्थदंड सहित 15 वर्ष कैद में बदला गया।
रिहाई के लिए वकीलों से बातचीत
जैद के भाई सुहैल ने बताया कि सऊदी अरब में नौकरी कर रहे नईम और बिलाल ने वहां वकीलों द्वारा वास्तविकता का पता किया तो सामने आया कि मक्का क्रिमिनल कोर्ट की बेवसाइट पर जैद को 15 वर्ष की अर्थदंड सहित कैद की सजा हुई है, जबकि दया याचिका पर सजा-ए-मौत टाल दी गई है। सुहैल ने बताया कि सऊदी अरब के वकीलों ने सजा के आदेश को कोर्ट में चुनौती देने से इंकार कर दिया है।
भारतीय दूतावास से संपर्क करेंगे परिजन
सुहैल के मुताबिक सऊदी अरब के वकीलों ने जैद की रिहाई के तीन तरीके बताए हैं। ये हैं कि निश्चित समय अवधि में जैद माफीनामे की याचिका डालता रहे या भारत सरकार सऊदी अरब सरकार से सजा माफी की सिफारिश करे या सऊदी अरब का कोई व्यक्ति कानून के मुताबिक पैसा अदा कर उसे रिहा करा ले। फिलहाल जैद के जेल से छूटने के कोई आसार नहीं है। परिजन उसकी रिहाई के लिए भारतीय दूतावास से सपंर्क करेंगे।
