मेरठ, 07 अगस्त (प्र)। कंकरखेड़ा क्षेत्र में भूमाफिया द्वारा न्यू ड्रीम सिटी कॉलोनी एक्सटेंशनष् के नाम पर आनंदा डेरी की जमीन को फर्जी दस्तावेजों व अवैध निर्माण के माध्यम से हड़पने के गंभीर मामले का खुलासा हुआ है। इस संबंध में कई चौंकाने वाले तथ्य और आरोप सामने आए हैं।
आनंदा डेरी प्रवक्ता सुशांत पांडे ने आए एक प्रेसवार्ता कर पत्रकारों से बात करते हुए आरोप लगाया है कि मैसर्स गायत्री बिल्ड एसोसिएट्स प्राइवेट लिमिटेड एवं उसके प्रतिनिधियों ने जाली नक्शे और फर्जी रजिस्ट्री के आधार पर उनकी कंपनी आनंदा डेरी की आंशिक भूमि का अवैध तौर पर पर कब्जा किया है हमारी कंपनी की वैध स्वामित्वाधीन भूमि को एक संगठित गिरोह द्वारा अवैध रूप से हड़पने, धोखाधड़ी करने, फर्जी दस्तावेज बनाने, अवैध निर्माण करने, और विधिक व्यवस्था को गुमराह कर संपत्ति कब्जाने की आपराधिक गतिविधियों का विवरण दिया जा रहा है।
नीरज मित्तल, आदेश कुमार, दीपांशु गोयल, अमृत कुमार एवं अन्य अज्ञात व्यक्तियों ने पहले एक फर्जी नक्शा तैयार किया, जिसमें हमारी भूमि को ड्रीम सिटी एक्सटेंशन नामक काल्पनिक कॉलोनी का हिस्सा दर्शाया गया। यह नक्शा कभी भी किसी प्राधिकरण द्वारा स्वीकृत नहीं हुआ, इस नक्शे के आधार पर उन्होंने कई लोगों को हमारी भूमि के टुकड़े फर्जी रजिस्ट्री द्वारा बेच दिए। इन रजिस्ट्री दस्तावेजों में अलग-अलग खसरा नंबरों को एक साथ मिलाकर दर्शाया गया, जिससे जमीन की सटीक स्थिति और सीमाएं पूरी तरह छिपा दी गईं। बैनामों में पंजीकृत की गयी जमीन मौके पे मौजूद नहीं है और जिस जमीन का वास्तविक तौर पे कब्जा दिया गया वह असल में हमारी (आनंदा) की जमीन है।
उपरोक्त व्यक्तियोंन ने हमारी सम्पत्ति हडपने की नियत से सर्वप्रथम अनेक व्यक्तियों को भूमि विवरण/खाता नम्बर इस प्रकार वर्णित करते हुए बैनामे निष्पादित किये है जिनमें सम्पत्ति की बाउण्ड्री सीमाएँ स्पष्ट नहीं हैं तथा ऐसी सम्पत्तियों का स्थल पर साधारण व्यक्तियों द्वारा पता लगाया जाना संभव नहीं होता है। इस प्रकार से अनेक व्यक्तियों को गुमराह करके हमारी भूमि का गलत विवरण ग्राहको समझाते हुए उनके नाम फर्जी प्रपत्र निष्पादित करके उन्हें हमारी सम्पत्ति के आंशिक भाग पर कब्जा दिया। हमारे द्वारा बनायी गयी बाउण्ड्री वाल का आशिक भाग अवैध रूप से तोडकर गैर कानूनी रूप से अतिक्रमण करके निर्माण कर दिया गया है। ये लोग एक भू-माफिया का सक्रिय गिरोह संचालित कर रहे हैं, जिनका मकसद है कि वैधानिक रूप से खरीदी गई कीमती जमीनों को पहचान कर, फर्जी दस्तावेज, जाली रजिस्ट्री और स्थानीय प्रभाव का इस्तेमाल कर जबरन कब्जा कर लिया जाए। ये अपने साथ स्थानीय हथियारबंद असामाजिक तत्वों और पेशेवर गुंडों को लेकर आते हैं, जो हमारी कंपनी के कर्मचारियों को धमकाते हैं, मौके पर डेरा डालकर कब्जा बनाए रखने की धमकी देते हैं और कभी-कभी जान से मारने तक की धमकी दी जाती है।
उक्त व्यक्तियों ने हमारे द्वारा बनायी गयी बाउण्ड्री वाल का आशिक भाग अवैध रूप से तोडकर गैर कानूनी रूप से अतिक्रमण करके निर्माण कर दिया गया है। उन्होने कहा कि नीरज मित्तल ने हमारी कंपनी से संपर्क किया और कहा कि वह लगभग 2500 वर्ग गज भूमि खरीदना चाहता है। प्रारंभिक मूल्य चर्चा 232,000 प्रति वर्ग गज तय हुई, लेकिन कोई लिखित अनुबंध नहीं हुआ। इसके बावजूद नीरज मित्तल ने बार-बार कंपनी के खाते में आरटीजीएस और नकद के माध्यम से धनराशि भेजनी शुरू कर दी. जिसकी कुल राशि 5.89 करोड़ तक पहुँची। कंपनी ने इस पर आपत्ति जताई और तुरंत आयकर विभाग को इस लेन-देन की सूचना दी। आयकर विभाग ने मामले की जांच की व नीरज मित्तल तथा कुछ तृतीय पक्षों द्वारा, जमा राशियों के संबंध में आयकर विभाग द्वारा उन राशियों की प्रकृति एवं स्रोत की जांच हेतु एक विस्तृत जांच प्रारंभ की गई। जांच के दौरान आयकर विभाग द्वारा नीरज मित्तल तथा उनके सहयोगियों से भी इस संबंध में पूछताछ की गई।वे उक्त धनराशियों के स्रोत को विभाग के समक्ष संतोषजनक रूप से स्पष्ट करने में असफल रहे। यह मामला अघोषित आय और संभावित मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा हुआ है। मेरठ विकास प्राधिकरण, ने जांच उपरांत दिनांक 13.05.2025 के पत्राचार यह अभिलिखित किया कि अनंदा डेरी के खसरा नम्बरान 755, 756, 777, 778, 779, 780, 781, 784, 785, 786, 787, 788, 789, 790, 791, से ड्रीम सिटी आवासीय कॉलोनी तथा न्यू ड्रीम सिटी कॉलोनी एक्सटेंशन का कोई सम्बन्ध नहीं है। सुशांत पांडे द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य व शिकायतों के आधार पर इस अवैध कारवाही के विरुद्ध अधिकारियों से कठोर कदम उठाने की मांग की गई है। मेरठ विकास प्राधिकरण के मुख्य नगर नियोजक द्वारा मुख्य सचिव को मामले की विस्तृत जांच हेतु पत्र भेजा गया है। आरोपियों के खिलाफ शीघ्र कानूनी कार्रवाई हेतु मांग की गई है।