मेरठ, 08 जनवरी (प्र)। स्टांप व रजिस्ट्री विभाग को पेपरलेस करने के लिए अब लेखपत्रों के साथ फोटोकॉपी नहीं देनी होगी। अब सिर्फ लेखपत्रों ओरिजिनल कागजों से ही मकान व जमीनों का बैनामा हो जाएगा। स्टॉप विभाग ने अपने 50 साल से चले आ रहे अपने पुराने नियमों को बदल दिया है। इस नियम से बैनामा कराने वाले आम आदमी को काफी फायदा हो रहा है। वहीं, एआईजी स्टांप नवीन शर्मा का कहना है कि विभाग ने पेपरलेस कराने के लिए यह कदम उठाया है। अब लेखपत्री का ऑनलाइन स्कैन किया जाता है जिससे फोटोकॉपी की अब जरूरत नहीं रह गई।
31 दिसंबर, 2024 से पहले रजिस्ट्री कराने के लिए ओरिजिनल लेखपत्र व उसका फोटोकापी का सेट बनाया जाता था। लेखपत्र व फोटोकापी सेट दोनों ही रजिस्ट्री कार्यालय में जमा होते थे। लेखपत्र के साथ फोटोकॉपी सेट में भी पक्षकार के साइन व अंगूठे लगते थे। 15 दिन में रजिस्ट्री के कागज वापस मिल जाते थे। मेरठ में करीब सरधना, मवाना समेत छह उपनिबंधक कार्यालयों में रोज की करीब ढाई सौ बैनामे होते है। इससे बिना मतलब रजिस्ट्री कार्यालय में बैनामों के साथ लगने वाले फोटोकॉपी के पेपरों का बोझ बढ़ रहा था। रजिस्ट्री विभाग को पेपरलेस करने के लिए शासन ने यह कदम उठाया है।
एआईजी स्टांप नवीन शर्मा ने कहा कि अब मेरठ के सभी रजिस्ट्री कार्यालयों को पेपरलेस करने के लिए लेखपत्रों के साथ उनका फोटोकॉपी सेट लेना बंद कर दिया गया है।
पेपरलेस बनाने की तैयारी रजिस्ट्री विभाग के उपनिबंधक आशुतोष त्रिपाठी का कहना है कि स्टॉप व रजिस्ट्री विभाग को पेपरलेस बनाने की तैयारी चल रही है अब ऑफलाइन से ज्यादा ऑनलाइन पर ज्यादा फोकस किया जा रहा है। ऑनलाइन ई-पेपर येथे जा रहे है। इसके साथ ऑनलाइन स्टांप विभाग से जुड़े सभी प्रकार के सर्टिफिकेट ऑनलाइन रजिस्ट्री के कागज, मेरिज रजिस्ट्रेशन के सर्टिफिकेट भी ऑनलाइन फीस जमा करके घर बैठे निकाले जा सकते हैं।