मेरठ 05 जुलाई (प्र)। गंगनहर की दाई पटरी के चौड़ीकरण के लिए बड़ी संख्या में किनारे खड़े पेड़ों का कटान किया गया है। पिछले दिनों सरधना से सपा विधायक अतुल प्रधान ने पेड़ों के कटान में गड़बड़ी का आरोप लगाकर कमिश्नर व वन विभाग के अधिकारियों से शिकायत की थी। बुधवार को विधायक ने मुख्य वन संरक्षक कार्यालय में धरना भी दिया था। इसके बाद कमिश्नर व मुख्य वन संरक्षक ने मामले की जांच को अलग-अलग दो टीमों का गठन किया था। जांच के लिए वन विभाग के अधिकारी गंगनहर पटरी पर पहुंचे। अधिकारियों ने करीब पांच किमी तक खुद फीता डालकर पैमाइश की तो कई स्थानों पर गड़बड़ी मिली। पटरी के चौड़ीकरण का कार्य गाजियाबाद के मुरादनगर से पुरकाजी तक किया जाना है। इसके लिए गाजियाबाद मेरठ और मुजफ्फरनगर में कटान के लिए 1.12 लाख पेड़ों का चयन किया गया था।
वन संरक्षक रमेश कुमार के साथ गुरुवार को मेरठ, गाजियाबाद व मुजफ्फरनगर के वन विभाग के अधिकारी गंगनहर स्थित नानू पुल पर पहुंचे और आरोपों की जांच शुरू की। जांच के दौरान सामने आया कि पेड़ों के कटान के लिए 20 मीटर चौड़ाई में अनुमति ली गई थी। बाद में एनजीटी में प्रकरण शुरू होने पर 15 मीटर चौड़ाई क्षेत्र में पटरी पर खड़े पेड़ों के कटान पर सहमति बनी, लेकिन मौके पर पैमाइश के दौरान अधिकांश क्षेत्रों में 25 से 27 मीटर तक चौड़ाई में पेड़ों का कटान होना सामने आया। कई स्थानों पर पेड़ का कटान कर मिट्टी से भराव कर साक्ष्यों को मिटाने का प्रयास भी किया गया था।
घर के अंदर जाकर भी काट ले गए पेड़: जांच के दौरान टीम गंगनहर के किनारे बसे गांव मढियाई पहुंची तो ग्रामीणों ने बताया कि करीब छह माह पहले कटान करने आए लोगों ने घर के अंदर खड़े पेड़ों को भी काट लिया। विरोध करने पर टीम ने बताया कि सरकारी फरमान है, विरोध करोगे तो कार्रवाई होगी। जिस पर ग्रामीण शांत हो गए। ग्रामीणों ने काटे गए पेड़ों के साक्ष्य भी टीम को दिखाए।
कीमती पेड़ों पर रही नजर: गंगनहर पटरी के किनारे पर शीशम, आम, सागौन आदि के काफी पेड़ हैं। इस दौरान मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने बताया कि पेड़ कटान करने वाली टीम ने लोकसभा चुनाव के दौरान रात और दिन में लगातार पेड़ों का कटान किया। कीमती पेड़ों का अधिक कटान हुआ।
सपा विधायक अतुल प्रधान ने कहा कि हम गंगनहर की पटरी के चौड़ीकरण का समर्थन करते हैं, लेकिन जिस प्रकार चौड़ीकरण के नाम पर नियम तोड़कर पेड़ों का कटान किया गया है, उसे स्वीकार नहीं किया जाएगा। प्रकरण को आठ जुलाई को एनजीटी के समक्ष रखा जाएगा और साक्ष्य भी उपलब्ध कराए जाएंगे। वन विभाग के अधिकारी खुद स्वीकार कर रहे है कि गड़बड़ी हुई है।
वन संरक्षक रमेश कुमार का कहना है कि गंगनहर पटरी के चौड़ीकरण के लिए पेड़ों के कटान को लेकर विधायक ने शिकायत की थी। जिसकी जांच की गई। कई स्थानों पर स्थिति संदिग्ध है और गड़बड़ी होना भी सामने आ रहा है। विस्तृत जांच की जाएगी। जो भी दोषी होगा कार्रवाई करेंगे।