मेरठ, 28 मई (प्र)। मेरठ को बसाने से पहले भगवान शिव के परमभक्त मय दानव ने ठठेरवाड़ा जाटव गेट पुलिस चौकी के पास पंचमुखी महादेव मंदिर की स्थापना की थी। इसे ऐतिहासिक धरोहर स्थल (हेरिटेज वॉक स्पॉट) के रूप में शामिल किया गया है। इससे इस धार्मिक स्थल की महत्ता और पहचान और बढ़ सकेगी। हाल ही में कमिश्नर सेल्वा कुमारी जे और मेरठ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय ने इसके साथ ही अन्य ऐतिहासिक एवं पौराणिक स्थलों का निरीक्षण किया था। ऐसे स्थलों को और विकसित और भव्य बनाने की तैयारी की जा रही है।
जगद्गुरु शंकराचार्य इंद्रप्रस्थ पीठाधीश्वर कृष्ण स्वरूप जी महाराज ने बताया कि शिव के पंचमुखों में तंत्र, मंत्र, यंत्र, भोग, मोक्ष प्रदान करने की शक्ति विद्यमान है। उन्होंने बताया कि मयराष्ट्र को धीरे-धीरे मेरठ कहा जाने लगा। मय दानव की पुत्री और रावण की पत्नी मंदोदरी इस मंदिर में नियमित पूजा के लिए आती थीं। यह मंदिर ऐतिहासिक सिद्धपीठ है।
शिव पुराण में भी मय दानव को शिवभक्त बताया गया है। इस मंदिर की स्थापना खांडव वन में की गई। उन्होंने बताया कि मंदिर का जीर्णोद्धार मराठा काल में भी किया गया। इसके अलावा जादूगर के बाग में बगीचा, कोठी आदि का निर्माण किया गया। वर्तमान में यादवगिर जी की समाधि सोहराब गेट बस स्टैंड के पास है। यहां शिव मंदिर, हनुमान मंदिर और कृष्ण बोध दंडी आश्रम है।
मंदिर में विराजमान हैं मां भगवती
पंचमुखी महादेव मंदिर में मां भगवती सिद्धिदात्री, मां सावित्री, श्री हनुमान जी, राजराजेश्वरी, कात्यायनी, महिषासुरमर्दनी, कामेश्वर महादेव, महाकाली, मनसा देवी सहित अन्य देवी स्थल स्थापित हैं। मंदिर की व्यवस्था शंकराचार्य विद्वत मंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष की ओर से की जाती है। यहां गोशाला में 40 गोवंश भी हैं।