Tuesday, October 14

फिल्म इंडस्ट्री के लोग आएं आगे, महान गायिका लता मंगेशकर जी की जयंती पर 28 से एक सप्ताह तक देशभर में आयोजित किए जाएं संगीत व गीत कार्यक्रम

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जीवन में गीत संगीत मनोरंजन का बड़ा स्थान हैं। कहते हैं कि तानसेन अपने गीतों से चिराग जला दिया करते थे और जब वह धुन बजाते थे तो बारिश होने की बात भी कही जाती है। यह बात अटल सत्य है कि संगीत का जीवन में अहम रोल है। गीतों की धुनों पर लोग नाचते हैं तो उन्हें मोटापे और बीमारियों से छुटकारा मिलता है। फिल्म में दिख्राया कि कोमा में गई महिला गीतो की धुन सुनकर रोक मुक्त हो गई। गीत संगीत और नृत्य को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
१९६२ के भारत चीन युद्ध के दौरान लता मंगेशकर जी ने बहादुर जवानों और शहीदों के लिए एक गाना गाया था जो आज भी पूरे देश की आत्मा को छू लेता है। फिल्म अभिनेता फरहान अख्तर का कहना है कि एक्स सेल एंटरटेनमेंट और ङ्क्षट्रगरी हेप्पी रेडियों की आने वाली फिल्म १२० बहादुर का टीजर इसलिए खास है कि वो २८ सितंबर को महान गायिका लता मंगेशकर के जन्मदिन पर रिलीज हो रहा है। इस मौके पर कवि प्रदीप के दिल छू लेने वाले शब्दों ने सबको आकर्षित किया। रानीस रेजी घई द्वारा निर्देशित व रितेश व फरहान अख्तर की मुख्य भूमिका वाली फिल्म २१ नवंबर २०२५ को रिलीज होनी है। मैं देशभक्ति गीत से जुड़ी इस फिल्म की सफलता की कामना करते हुए कहना चाहता हूं कि लता मंगेशकर के जीवन और कार्यप्रणाली आत्मा को छू लेने वाले गीतों को एक फिल्म की रिलीज से नहीं बांधा जाना चाहिए। उनके लिए देशभर में संगीतकारों फिल्मी हस्तियों को संगीत के कार्यक्रम आयोजित कर उसमें आम आदमी युवा पीढ़ी को आने का मौका दिया जाना चाहिए। क्योंकि लता मंगेशकर के गीतों से प्रेरित हमारे युवाओं को अच्छे मंच की आवश्यकता है। २८ सितंबर को उनके जन्मदिन पर उभरते गायकों व संगीतकारों को मौका दिया जाए तो यह सोने में सुहागा के समान होगा। महान गीतकार और दुनिया में अपने हुनर का सिक्का जमाने वाली लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि देने और याद करने और युवाओं की प्रेरणा के लिए २८ सितंबर से पूरे सप्ताहगीतों के कार्यक्रम होने चाहिए जिससे उनकी परंपरा आगे बढ़ सके।
(प्रस्तुतिः- रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)

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