Tuesday, October 14

राष्ट्रपति जी ने बांके बिहारी व उपराष्ट्रपति ने तिरूमाला में भगवान के किये दर्शन पूजा, सनातन धर्म परंपरा होगी मजबूत युवाओं को मिलेगी प्रेरणा

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महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और माननीय उप राष्ट्रपति राधाकृष्णन जी द्वारा विधि विधान से वृदांवन के बांकेबिहारी और तिरूमाला स्थित भगवान वैंक्टेश्वर मंदिर में किये गये दर्शन और पूजा का लाभ पूरे देश को होगा इससे जहां सनातन धर्म परंपरा को बढ़ावा मिलेगा वहीं जो असूरी शक्तियां कभी कभी सिर उठाकर कुछ बदअमनी फैलाने की कोशिश करती है उनकी भी इच्छाओं का परम पिता परमेश्वर द्वारा दमन किया जाएगा। देश में शांति सुरक्षा खुशहाली और विकास को तरक्की मिलेगी। क्योंकि अपनी धार्मिक परंपराओं के हिसाब से भगवान के दर्शन और पूजा अर्चना करने से हर व्यक्ति को कुछ न कुछ लाभ अवश्य होता है।
एक खबर के अनुसार बीते गुरूवार को माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी अपने एक दिवसीय दौरे पर होने से प्रातः 10 बजे मथुरा वृदांवन रोड स्थित स्टेशन पहुंची जहां प्रदेश सरकार के मंत्री चौ0 लक्ष्मीनारायण ने उनकी आगवानी की। राष्ट्रपति जी के साथ आई उनकी पुत्री इतिश्री मुर्मू दामाद तथा दोनों नातियों के साथ ठाकुर बांकेबिहारी जी के दर्शन किये और फिर राधारानी के प्राकट्य स्थल की छवि निहारी फिर स्वामी हरिदास जी की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। और सुदामा कुटी में संस्थापक स्वामी सुदामादास जी की जन्मस्थली का लोकार्पण किया गया। यहां मंदिर समिति के अध्यक्ष अशोक कुमार एवं सदस्य दिनेश गोस्वामी ने उनका स्वागत किया एवं राजभोग सेवा अधिकारी शैलेन्द्र गोस्वामी गौरव गोस्वामी तथा फैकी गोस्वामी ने देहरी व अष्टक पूजन कराया। यहां राष्ट्रपति जी ने भेंट स्वरूप एक लिफाफा भी चढ़ाया। बताते चले कि इस मौके पर देश विदेश से मंगाये गये फूलों से मंदिर को सजाया गया था तथा परिसर में कन्नौज से मंगाये गये गुलाब के इत्र का छिड़काव भी किया। राष्ट्रपति जी ने यहां सिंगार सामग्री भी भेंट की तथा 500 मीटर पैदल चलकर प्राकट्य स्थल की परिक्रमा भी की।
दूसरी तरफ देश के नवनिर्वाचित माननीय उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन जी द्वारा आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के साथ तिरूपति पहुंचकर बीते गुरूवार को तिरूमाला में भगवान वैंक्टेश्वर स्वामी मंदिर पहुंचकर पूजा अर्चना की। तथा मंदिर परिसर में तीर्थ यात्री सुविधा परिसर जो 102 करोड़ की लागात से तैयार हुआ बताते है उसका उद्घाटन किया। यहां एक समय में चार हजार श्रद्धालु ठहर सकते हैं भवन में 16 शयनग्रह 24 लॉकर चौबीसों घंटे गर्म पानी उपलब्ध होने की बात की गई। यहां श्रद्धालुओं को इस सुविधा के पहले बुकिंग टोकन भी सौंपे गये।
देश के दोनों शीर्ष पदों पर विराजमान माननीयों के द्वारा प्रमुख सिद्धपीठ तीर्थ स्थलों के दर्शन किये गये और पूजा अर्चना कर भगवान का आशीर्वाद लिया गया। जिससे यह तो कहा ही जा सकता है कि इसका लाभ देश के आम आदमी को पहुंचेगा क्योंकि भगवान हमारी सभी परेशानियों को हल करने और जीवन यापन में सुख शांति से रहने की सहन शक्ति देते है। और इससे भी बड़ी बात पिछले कुछ वर्षों से सनातन धर्म परंपरा को लेकर जो सवाल उठ रहे है वो समाप्त होंगे। और हर व्यक्ति की इसमें आस्था और पूजा का रूझान बढ़ेगा जिससे घर घर में सनातन धर्म परंपरा पूजा पाठ और खासकर युवाओं को पूजा पाठ की प्रेरणा मिलेगी यह बात विश्वास से कही जा सकती है।
(प्रस्तुतिः- अंकित बिश्नोई राष्ट्रीय महामंत्री सोशल मीडिया एसोसिएशन एसएमए व मजीठिया बोर्ड यूपी के पूर्व सदस्य संपादक पत्रकार)

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