Monday, December 23

मोटापे की समस्या से परेशान लोगों को मिलेगी राहत, मेरठ में शुरू हुई मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल पटपड़गंज की ओपीडी सेवा

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मेरठ 23 अप्रैल (प्र)। मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल पटपड़गंज (नई दिल्ली) ने आज मेरठ में मिनिमल एक्सेस, बेरिएट्रिक एंड रोबोटिक सर्जरी की ओपीडी सेवा शुरू की है. इस ओपीडी का आगाज मैक्स मेड सेंटर मेरठ में किया गया. इस ओपीडी के शुरू होने से मोटापे से परेशान लोगों को समाधान मिलेगा.

ओपीडी लॉन्च के मौके पर मैक्स हॉस्पिटल पटपड़गंज में एसोसिएट डायरेक्टर जनरल एंड लेप्रोस्कोपिक सर्जन, जनरल सर्जरी एंड रोबोटिक्स विभाग डॉक्टर दरप्रीत सिंह भामराह अपनी टीम के साथ मौजूद रहे. मेरठ के मंगल पांडे नगर में सीसीएस यूनिवर्सिटी रोड के पारस टॉवर-507 स्थित मैक्स मेड सेंटर में ये ओपीडी सेवा हर मंगलवार को सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक उपलब्ध रहेगी.

मोटापे के कारण पैदा हो रही स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए डॉक्टर दरप्रीत सिंह भामराह ने कहा, “मोटापे के कारण कई तरह बीमारियां होने का खतरा रहता है जैसे दिल की बीमारियां, डायबिटीज, कैंसर, ऑस्टियोअर्थराइटिस, लिवर एंड किडनी डिजीज, स्लीप एप्निया और डिप्रेशन. मोटापे से जुड़ी चुनौतियों और इससे जुड़े रिस्क को ध्यान में रखते हुए हमारा अस्पताल हाई बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) और मोटापे से संबंधित अन्य बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए रोबोटिक बेरिएट्रिक सर्जरी की सुविधा मुहैया कराता है.”

डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया के मामलों में बेरिएट्रिक सर्जरी एक बेहतर समाधान साबित हुआ है. ऐसे बहुत मरीज जो इंसुलिन की हाई डोज लेकर भी ब्लड शुगर लेवर को कंट्रोल कर पाने में सक्षम नहीं हो सके हैं, बेरिएट्रिक सर्जरी कराने के बाद उनका शुगर लेवल ठीक हो जाता है और डायबिटीज से छुटकारा मिल जाता है और दवाई भी नहीं लेनी पड़ती.

लेप्रोस्कोपिक और रोबोटिक सर्जिकल टेक्नोलॉजी के एडवांसमेंट के बारे में जानकारी देते हुए डॉक्टर दरप्रीत ने आगे बताया, “तकनीक में हुई तरक्की की मदद से कई तरह की सर्जरी मिनिमली इनवेसिव तरीके से की जा सकती हैं. इनमें वजन घटाने वाली सर्जरी, रोबोटिक हर्निया सर्जरी एंड एब्डॉमिनल वॉल रिकंस्ट्रक्शन, स्प्लीन प्रिजर्वेशन सर्जरी और गॉल स्टोन/गॉलब्लैडर रिमूवल सर्जरी शामिल है जो मिनिमली इनवेसिव तकनीक से की जाती है. इस प्रक्रिया के इस्तेमाल से मरीज को दर्द कम होता है, अस्पताल में कम वक्त भर्ती रहना पड़ता है और तेजी से रिकवरी होती है.”

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