मेरठ 02 अगस्त (प्र)। दिल्ली रोड पर मेरठ विकास प्राधिकरण (मेडा) प्रदेश की पहली इंटीग्रेटेड टाउनशिप के लिए 123 हेक्टेयर जमीन की खरीद पूरी हो गई है। रोड नेटवर्क प्लान भी तैयार हो गया है। इंटीग्रेटेड टाउनशिप को 31 जोन में विकसित किया जाएगा, जो एनसीआर का केंद्र होगी। इसके लिए करीब 800 करोड़ रुपये से 123 हेक्टेयर जमीन की खरीद पूरी हो गई है।
ग्राम पंचायत की आठ हेक्टेयर जमीन के लिए मेडा उपाध्यक्ष ने जिलाधिकारी को पत्र लिखा है। इसमें ग्राम पंचायत की जमीन मेडा की पैमाइश कराने और मेडा के नाम करने की सिफारिश की गई है। हाल ही में शासन में भी टाउनशिप की प्रगति के लिए प्रजेंटेशन हुआ और इसे गति देने के निर्देश दिए गए। जनवरी से टाउनशिप में प्लॉटिंग होगी। इसमें आईटी सेक्टर भी होगा। हाइवे के साथ ही कुछ ग्रामीण इलाकों में फीडर मार्ग से कनेक्टिविटी होगी। शताब्दीनगर योजना में 610 एकड़ भूमि पर मेडा किसानों के विरोध के चलते आज तक कब्जा नहीं ले पाया है। ऐसे में इस टाउनशिप में पूरी एहतियात बरती जा रही है।
पहले फेज के अंतर्गत मेडा 142 हेक्टेयर में इंटीग्रेटेड टाउनशिप विकसित की जानी है। टाउनशिप जहां विकसित की जाएगी वहां स्पेशल डवलपमेंट एरिया (एसडीए) प्रस्तावित है। एनसीआरटीसी ने यहां मिश्रित भू उपयोग रखा है। यहां रिहाइश के साथ ही औद्योगिक गतिविधियां भी होंगी। मेरठ साउथ स्टेशन पर रैपिड और मेट्रो दोनों ही ट्रेनों की सुविधा यात्रियों को मिलेगी। रैपिड लगातार चल रही है। यहां से ट्रेन बदलकर आसानी से सफर किया जा सकेगा। इसके अलावा यहां बस टर्मिनल भी बनाया जाएगा, जिसका काम जल्द शुरू होने की संभावना है। दिल्ली रोड पर बनने वाली यह टाउनशिप शहर के एक छोर पर होगी, जहां से गाजियाबाद, नोएडा, गुड़गांव, दिल्ली, फरीदाबाद आदि पहुंचना आसान होगा। इसी के साथ यहां न केवल लोग रहेंगे बल्कि उद्योग भी चलेंगे।
आसपास के जनपदों से आना-जाना होगा आसान
इस टाउनशिप की खासियत होगी कि शहर के साथ ही आसपास के जनपदों से भी यहां आना-जाना बेहद आसान होगा। आरआरटीएस स्टेशन, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडोर, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे, मोहिउद्दीनपुर स्टेशन की दूरी यहां से महज डेढ़ किमी. रहेगी। सिटी स्टेशन से दस और परतापुर से चार किमी. की दूरी रहेगी। ऐसे में यहां तैयार सामान को बाजार भी सुलभता से मिलेगा। वहीं, शताब्दीनगर से मोदीपुरम तक रैपिड का ट्रायल लगातार चल रहा है।