राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की जयंति के पूर्व दिवस पर देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा एक अक्टूबर को चलाये गये स्वच्छता अभियान का जहां देशवासियों ने पूरा अनुसरण किया वहीं पीएम मोदी जी भी इस मौके पर श्रम दान और सफाई करने में पीछे नहीं रहे। उन्होंने एक पार्क में हरियाणा के अंकित वैयापूरिया 75 डे हार्ड चौलेंज पूरा करने वाले साथ श्रम दान करते हुए संवाद भी किया। चार मिनट की पीएम मोदी और अंकित की बातचीत की वीडियो में प्रधानमंत्री ने अंकित से पूछा स्वच्छता अभियान में कैसे मदद करेगा। अंकित जबाव देते है कि पर्यावरण को स्वच्छ रखना हमारा कर्तव्य है। अंकित ने प्रधानमंत्री से कहा कि आपको काम करते देख मैं प्रेरित होता हूं। पीएम ने कहा कि मैं ज्यादा व्यायाम नहीं करता मैं उतना ही करता हूं जो मेरी प्रतिदिन की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए जरूरी है। सरल स्वभाव में उन्होंने कहा कि मैं अनुशासन का पालन करता हूं। मेरे जीवन के दो पहलू है जहां में अनुशासित नहीं हूं। एक भोजन का समय और दूसरा सोने के लिए। तो अंकित ने भी खिलाड़ियों के साथ उनके खड़ा होने की तारीफ करते हुए उनकी प्रशंसा की।
पीएम ने कहा कि मैंने देखा युवा इन्टरनेट मीडिया पर गतिविधियों को फॉलो कर रहे है। पीएम ने कहा कि इससे आपने ये दिखा दिया कि सोशल मीडिया का साकारात्मक तरीके से कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है।
बताते चले कि सोनीपत के अंकित फिटनेस की 75 दिन की कठिन चुनौती पूरा करने के बाद सुर्खियों में रहे। स्वच्छता अभियान के दौरान अगर ध्यान से सोचे तो माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा ग्रामीण कहावत आम के आम गुठलियों के दाम वाली कहावत को सफलता से पूरा किया क्योंकि जहां उन्होंने एक ग्रामीण युवक जो अपनी मेहनत से सुर्खियों में आया उसके साथ खुले पार्क में श्रमदान में भाग लिया तथा बातचीत में उसकी प्रशंसा भी की। इसके अतिरिक्त पिछले दिनों व्हाट्सअप ग्रुप में आये पीएम ने सोशल मीडिया की भी यह कहकर तारीफ की कि इसका उपयोग अच्छे कार्य में किया जा सकता है।
एक अक्टूबर को माननीय प्रधानमंत्री जी के श्रमदान अभियान के तहत स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ आदि सहित सफाई अभियान में सभी मंत्रियों सांसद विधायकों और जनप्रतिनिधियों ने खुलकर भाग लिया। तो चित्रों में दिखाई दे रहा है कि पीएम साहब अंकित के साथ झाडू लगा रहे है और टोकरे में कूड़ा उठाकर सही जगह पहुंचाने में लगे सहित देशभर के युवाओं को एक संदेश दिया गया कि हर किसी से कुछ न कुछ सीखा जा सकता है और उसकी कोई उम्र नहीं होती। मगर यह बड़े ही आश्चर्य का विषय रहा कि जहां प्रधानमंत्री जी सहित हर जागरूक नागरिक सफाई करते कूड़ा उठाते और झाडू लगाते नजर आ रहे थे वहीं मेरठ के नगर आयुक्त अभियान की सफलता के लिए सहयोगियों के साथ कूड़ा उठवाने की बजाए फोटो खिंचाने में अग्रणी भूमिका निभा रहे लगते थे। और शायद यहीं कारण रहा कि अपने महानगर में जितना जन प्रतिनिधि समाजसेवी स्कूली बच्चे पीएम के अभियान कि सफलता के लिए काम कर सकते थे वो हुआ। लेकिन ज्यादातर स्थानीय निकायों के अधिकारी सिर्फ फोटो खिंचाने और अखबारों में खबरे छपवाने में ही जनता के कहे अनुसार लगे रहे। अब मैं ये तो नहीं कहता कि इसमें कितनी सच्चाई है लेकिन शहर के घने इलाकों और बाहरी क्षेत्रों में चारो तरफ पड़े कूड़े और गंदगी को देखकर यह कह सकता हूं कि नगर आयुक्त पीएम के अभियान की सफलता में पूर्ण सहयोगी नहीं बन पाए। क्योंकि और जगह की बात तो छोड़ दे रूड़की रोड़ से शूटिंग रेंज की ओर जाने वाले मार्ग पर जहां पॉश कालोनी शीलकुंज गुरूकुल डोरली स्कूल एक मंदिर और भजन आश्रम खिलाड़ियों के लिए खुले कई संस्थान मौजूद है उस मार्ग पर रूड़की रोड़ से घुसते ही पिछले डेढ़ साल से एक स्थान पर पड़े कूड़े जिससे दिनभर बदबू उठती है जहां से हजारों की तादाद में बच्चे और श्रद्धालु वहां से होकर गुजरते है वहां से वो कूड़ा उठवाने में भी वो सफल नहीं हो पाए अगर कोई इस मामले में नगर आयुक्त की सफलता को देखना और समझना चाहता है तो शहर और नई विकसित कालोनियों तथा पल्लवपुरम आदि के क्षेत्रों में सफाई के अभाव और सड़कों के किनारे पड़े छोटे छोटे कूड़े के ढेरों को देखकर अंदाज लगा सकता है।
पीएम का स्वच्छता अभियान रहा सफल, नगर निगम के अफसर फोटो खिंचाने में ही लगे रहे, शहर में नहीं उठा कूड़ा,सोशल मीडिया की प्रशंसा की
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