गाजियाबाद, 02 अक्टूबर। महानगर का दर्जा मिल गया और गाजियाबाद में कमिश्नरेट प्रणाली भी लागू हो गई, मगर पुलिसकर्मी अपना रवैया बदलने को तैयार नहीं है। साईं उपवन में युवती व उसके मंगेतर को बाइक पीआरवी के पुलिसकर्मियों ने एक युवक संग मिलकर प्रताड़ित किया।
मंगेतर को थप्पड़ मारे और युवती से अश्लीलता कर संबंध बनाने को कहा। तीन घंटे तक उन्हें परेशान किया और एक हजार रुपये पेटीएम करवाने के बाद छोड़ा। इसके बाद भी पुलिसकर्मी नहीं माने और पीड़िता फोन किया। तंग आकर उसने पुलिस को शिकायत दी। एसीपी कोतवाली निमिष पाटील ने कहा कि बाइक पीआरवी पर तैनात होम गार्ड राकेश कुमार, सिपाही दिगंबर व अन्य व्यक्ति के खिलाफ नगर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कर की गई है।
बिसरख की रहने वाली पीड़िता ने अपनी शिकायत में बताया था कि वह 16 सितंबर को बुलंदशहर में रहने वाले अपने मंगेतर के साथ गाजियाबाद में घूमने आई थी। दोनों साईं भवन में बैठे थे। वहीं पर बाइक पीआरवी आकर रुकी। पुलिसकर्मियों ने आते ही उनके मंगेतर को थप्पड़ मारा।
जेल भेजने की धमकी देते हुए 10 हजार रुपये मांगे। पुलिसकर्मी तीन घंटे तक उन्हें अपमानित करते रहे। उनके साथ मौजूद तीसरा व्यक्ति का रहा था कि बुरे फंसोगे तुम लोग। कम से कम पांच-छह लाख रुपए देने पड़ेंगे। राकेश कुमार बार-बार उनसे अश्लील हरकत कर रहा था और संबंध बनाने का दबाव बना रहा था। वह लगातार उन्हें गलत तरह से छू रहा था। पीड़िता का कहना है कि वे दोनों पुलिसकर्मियों के सामने कभी हाथ जोड़ते तो कभी उनके पैर पकड़कर माफी मांगते रहे, लेकिन वे नहीं माने।
तीन घंटे तक मिन्नत करते रहे, जिसके बाद पीड़िता के पेटीएम से एक हजार रुपये लिए और दोनों के मोबाइल नंबर व पता नोट कर कहा कि जल्दी यहां से भाग जाओ। अगर किसी को कुछ बताया तो जेल भिजवा देंगे।
19 सितंबर को राकेश कुमार ने उन्हें कॉल कर फिर से धमकाया। तंग होकर पीड़िता ने डीसीपी नगर निपुण अग्रवाल से शिकायत की। उन्होंने एसीपी कोतवाली निमिष पाटील को जांच दी। आरोपित पुलिसकर्मियों को एसीपी ने बुलाया। शिकायत के बारे में पता चलते ही राकेश व दिगंबर 22 सितंबर की रात उनके घर पहुंचे और एक हजार रुपये लौटा दिए।