मेरठ 29 फरवरी (प्र)। पुलिस लाइन में बुलायी गयी क्राइम मीटिंग में इनामी बदमाशों के सवाल पर जनपद भर के तमाम थानेदार एडीजी के सामने बगले झांकते नजर आए। एडीजी धु्रव कुमार ने पुलिस लाइन में क्राइम मीटिंग बुलायी थी। इसमें एसएसपी रोहित सजवाण, एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह, एसपी देहात कमलेश बहादुर सिंह, एसपी ट्रैफिक राधवेन्द्र कुमार मिश्रा, एसपी क्राइम अमित कुमार के अलावा जनपद के सभी सर्किल आफिसर भी मौजूद रहे।
दरअसल इस क्राइम मीटिंग का असली मकसद पिछली क्राइम मीटिंग के सापेक्ष थानेदारों की आउटपुट लेना था। क्राइम मिटिंग की शुरूआत एडीजी ने लंबित विवेचनाओं को लेकर की। उन्होंने सर्किलवार लंबित विवेचनाओं की कुंडली खंगालनी जब शुरू की तो तमाम थानेदार वगले झांकने लगे। बताया जाता है कि कुछ थाने तो ऐसे भी हैं जहां बीते दो से तीन साल से विवेचनाएं अटकी हुई हैं। एडीजी ने याद दिलाया कि पिछली बार भी जब उन्होंने क्राइम मीटिंग ली थी तब भी इसको लेकर हिदायत दी थी, लेकिन उसका कितना असर थानेदारों पर हुआ यह आज बुलायी गयी क्राइम मीटिंग में साफ हो गया।
क्राइम मीटिंग में जब एडीजी ने जिन अपराधियों पर इनाम का एलान किया चुका है सर्किलवार उनको लेकर जानकारी मांगी गयी तो तमाम थानेदारों का हलक सूखता नजर आया। इमनामियां बदमाशों को लेकर पूछे गए सवाल पर ज्यादातर ने चुप्पी साध ली। कुछ बता नहीं सके। इसको लेकर भी नाराजगी जतायी गयी।
जितने भी हिस्ट्रीशीटर हैं उनकी लोकेशन ट्रेस करने के लिए टीम बनाई जाए। उनकी लोकेशन कहां हैं। वो क्या कर रहे हैं। कहां पर सक्रिय हैं यह सारी जानकारी थानेदार की डायरी में दर्ज होनी चाहिए। एडीजी ने कहा कि हर हाल में प्रजेन्ट लोकेशन की जानकारी होनी चाहिए।
एडीजी ने क्राइम मीटिंग में एकाएक चोरी व नकबजनी की वारदातों में आयी तेजी पर भी सख्त लहजे में नाराजगी जतायी। उन्होंने कहा कि जहां भी कोई घटना होती है, वहां के सीसीटीवी सबसे पहले चैक कर बदमाशों की धरपकड़ की जाए। जहां पर सीसीटीवी कैमरे नहीं हैं, वहां पर सीसीटीवी कैमरों का इंतजाम किया जाए। सीसीटीवी कैमरे सही काम करते हुए होने चाहिए।