लखनऊ 26 जुलाई। यूपी विधान परिषद की स्नातक और शिक्षक क्षेत्र की अगले साल रिक्त हो रहीं 11 सीटों के लिए मतदाता बनाने की तैयारियां शुरू हो गई हैं। मतदाता सूची में शामिल होने लिए अर्हता की तिथि 1 नवंबर 2025 होगी। स्नातक और शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों की मतदाता सूची में नाम शामिल कराने के लिए ऑनलाइन पोर्टल की व्यवस्था की जा रही है। इस पोर्टल पर आवेदक ऑनलाइन आवेदन कर सकता है। माना जा रहा है कि आयोग पुनरीक्षण से संबंधित विस्तृत दिशा-निर्देश शीघ्र जारी कर देगा।
विधान परिषद में 8 सदस्य स्नातक निर्वाचन क्षेत्र और इतने ही सदस्य शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से चुने जाते हैं। पांच स्नातक निर्वाचन क्षेत्रों लखनऊ, मेरठ, आगरा, वाराणसी व इलाहाबाद-झांसी और 6 शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों लखनऊ, मेरठ, आगरा, वाराणसी, बरेली-मुरादाबाद व गोरखपुर-फैजाबाद से निर्वाचित वर्तमान सदस्यों का कार्यकाल 7 दिसंबर 2026 को समाप्त हो रहा है।
जिन स्नातक और शिक्षक क्षेत्रों के विधान परिषद सदस्यों का कार्यकाल अगले साल समाप्त हो रहा है, वे हैं-अवनीश कुमार सिंह, आशुतोष सिन्हा, डॉ. मान सिंह यादव, डॉ. मानवेंद्र प्रताप सिंह गुरुजी, दिनेश कुमार गोयल, डॉ. हरि सिंह ढिल्ली, उमेश द्विवेदी और ध्रुव कुमार त्रिपाठी। नियमानुसार इन क्षेत्रों की मतदाता सूची की पुनरीक्षण की प्रक्रिया इसी साल शुरू होगी।
स्नातक निर्वाचन क्षेत्र की निर्वाचक नामावली में नाम शामिल कराने के लिए आवेदक को अर्हता तिथि से कम से कम तीन वर्ष पूर्व या तो भारत के किसी विश्वविद्यालय से स्नातक या उसके समकक्ष होना चाहिए। इसी तरह से शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में नाम शामिल कराने के लिए आवेदक को अर्हता तिथि से तत्काल पहले राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में (जिसका स्तर माध्यमिक विद्यालय से कम न हो) में विगत 6 वर्षों के भीतर शिक्षण कार्य में न्यूनतम 3 वर्ष की अवधि से कार्यरत होना चाहिए।
मंडलायुक्त होंगे रजिस्ट्रीकरण अधिकारी
लखनऊ, मेरठ, आगरा, वाराणसी और इलाहाबाद-झांसी स्नातक निर्वाचन क्षेत्रों के निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी क्रमश: लखनऊ, मेरठ, आगरा, वाराणसी व झांसी के मंडलायुक्त और लखनऊ, मेरठ, आगरा, वाराणसी, बरेली-मुरादाबाद व गोरखपुर-फैजाबाद शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों के निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी कमशः लखनऊ, मेरठ, आगरा, वाराणसी, बरेली एवं गोरखपुर के मंडलायुक्त हैं। निर्वाचन क्षेत्र में शामिल सभी जिलों के जिलाधिकारी उस निर्वाचन क्षेत्र के सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी होंगे। इसके अलावा सभी विधानसभा क्षेत्रों के निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी भी उस स्नातक या शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी होते हैं।
मतदेय स्थल को देखते हुए तैयार होती है मतदाता सूची
स्नातक एवं शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों की मतदाता सूची मतदेय स्थलवार तैयार कराई जाती हैं, लेकिन मतदेय स्थलों के प्रस्ताव का अनुमोदन भारत निर्वाचन आयोग की ओर से निर्वाचन की घोषणा के बाद किया जाता है। यह परंपरा रही है कि पिछले चुनावों में जहां मतदेय स्थल स्थापित किया गया होता है, सामान्यत: उन्हीं मतदेय स्थलों का चयन वर्तमान पुनरीक्षण के दौरान भी कर लिया जाता है। इसका परिणाम यह होता है कि जहां नए मतदेय स्थल बनाया जाना आवश्यक है, वहां भी नए मतदेय स्थल स्थापित किया जाना संभव नहीं हो पाता है।
मतदेय स्थलों के चयन के लिए दिए निर्देश
मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि मतदाताओं की संख्या, आवश्यक मूलभूत सुविधाएं, दूरी को ध्यान में रखते हुए राजनीतिक दलों से विचार-विमर्श कर मतदेय स्थलों का चयन कराए जाने के लिए संबंधित निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी एवं सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं। रिणवा ने यह निर्देश भी दिए हैं कि अधिकतम 16 किमी की दूरी के अनुसार मतदेय स्थलों का चयन इस प्रकार किया जाए कि मतदाताओं को कम से कम दूरी तय करनी पड़े।
