मेरठ 18 नवंबर (प्र)। मेरठ पुलिस ने रविवार को मेडिकल थाना क्षेत्र के मंगलपांडे नगर में द सीजर्स यूनिसेक्स फैमिली सैलून पर छापा मारा। सैलून में अंदर 9 लड़कियां और 7 पुरुषों को पुलिस ने मौके से पकड़ा। मसाज पार्लर के नाम पर अंदर आपत्तिजनक चीजें हो रही थीं।
पुलिस टीम को पार्लर में अंदर लड़के-लड़कियां गलत हालत में मिले और आपत्तिजनक सामान भी मिला। लगभग 7 दिन पहले एक बैंककर्मी ने एसएसपी से द सीजर्स सैलून की लिखित शिकायत की थी। बैंककर्मी इस सैलून में मसाज कराने आया बाद में उसे हनीट्रैप में फंसाकर बार-बार ब्लैकमेल किया जा रहा था। 2 लाख रुपए लेने के बाद उससे 5 लाख रुपयों की और डिमांड की गई थी। तब पीड़ित एसएसपी के पास गया। पुलिस ने संडे छुट्टी के दिन यहां छापा मारा। पहले भी इस सैलून में हनीट्रेप के जरिए लोगों को फंसाने का काम हो चुका है। जिसकी शिकायत भी हुई थी। इन शिकायतों के बाद ही पुलिस लगातार सैलून पर नजर बनाए थी।
पुलिस को यहां सैलून के नाम पर हनीट्रैप में फंसाने की जानकारी मिली इसके बाद एसएसपी ने महिला थाना, मेडिकल थाना और एएचटीयू की टीम के जरिए यहां रेड डलवाई तो काफी कुछ गलत चीजें सामने आईं। वहीं सैलून की संचालिका मौके से फरार थी। जिसके खिलाफ शिकायत की गई थी। लगभग 5 दिन पहले एक बैंककर्मी ने एसएसपी से इस मसाज पार्लर की शिकायत की थी। बैंककर्मी ने बताया कि वो यहां मसाज कराने गया था। सैलून में लगे हिडन कैमरे में उसकी कपड़े चेंज के वक्त सीक्रेट वीडियो बनाई गई। बाद में उसे सैलून की फीमेल ऑनर ने कॉल कर इस वीडियो की जानकारी दी और 2 लाख रुपए मांगे।
महिला ने कहा कि पैसे नहीं दोगे तो वीडियो वायरल कर दूंगी। डरकर कर्मचारी ने महिला ऑनर को पैसे दे दिए। कुछ दिन बाद उसे दोबारा उस महिला ने कॉल कर 5 लाख रुपए मांगे और ब्लैकमेल किया। बैंककर्मी ने पैसे नहीं दिए बल्कि उसने पुलिस से पूरे मामले की शिकायत कर दी। इसी शिकायत के बाद पुलिस लगातार सैलून पर नजरें बनाई थी। पुलिस ने मौके से सीसीटीवी डीवीआर ली है उसकी जांच कर रही है। ताकि यहां कौन लोग आते थे क्या होता था इसकी पूरी कहानी सामने आ सके।
पुलिस का मानना है कि इस प्रकार की चीजें आमतौर पर विदेशों में या फिर हाईप्रोफाइल सोसाइटी में कुछ खास किस्म के बताए जाने वाले लोगों द्वारा इस्तेमाल में ली जाती हैं।
देर रात महिला थाना से सभी पकड़ी गई युवतियों को उनके परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया है। जबकि जो पुरुष पकडे गए हैं, वो थाना मेडिकल में रखे गए हैं। सीओ सिविल लाइन अभिषेक तिवारी ने बताया कि संचालिका आयशा को मुख्य आरोपी व किन्नर आनिया उर्फ आलिया को आरोपी बनाया गया है। मामले में इन युवतियों को बतौर गवाह शामिल किया गया है। सभी युवतियां पुलिस के साथ सहयोग को राजी हैं। जो पुरुष पकडे गए थे, उन्हें भी मुख्य आरोपी के साथ मामले में आरोपी बनाया गया है। इनमें से कई वहां काम करते हैं।