Sunday, December 21

तीन माह भी नहीं टिकीं पीडब्ल्यूडी की सड़कें, करोड़ों रुपये कर दिए खर्च

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हस्तिनापुर 10 दिसंबर (प्र)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार लगातार ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के तहत भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश बनाने का दावा करती है। हालांकि, हस्तिनापुर में सामने आया यह मामला इन दावों पर सवाल उठाता है और दर्शाता है कि निचले स्तर पर ठेकेदार अफसरों का गठजोड़ अब भी सक्रिय है। आपकी मेहनत की गाढ़ी कमाई से बनीं सड़कें घटिया निर्माण सामग्री की भेंट चढ़ गई। भ्रष्टाचार के गहरे गड्ढे हो गए। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने करोड़ों रुपये फूंक दिए गए, लेकिन, सड़कें तीन माह भी नहीं टिक सकीं। अब गड्ढा मुक्ति के नाम पर फिर सर्वे और मरम्मत की खानापूर्ति हो रही है।

प्रदेश सरकार भले ही निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार पर रोक लगाने की बात करती हो, लेकिन लोक निर्माण विभाग को सरकारी आदेशों की कोई परवाह नहीं है। जिसके चलते लोक निर्माण विभाग द्वारा करोड़ों की लागत से बनाई गई सड़क तीन माह बाद टूटने लगी है। सड़क में अनेक जगह गहरे गड्ढे बन गए हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि ठेकेदार ने सड़क निर्माण में घटिया सामग्री का प्रयोग किया है। विभागीय अधिकारियों से शिकायत के बाद भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

प्रदेश सरकार गांव में आवागमन की सुविधा को सुचारू बनाने के लिए पक्की सड़कें और बेहतर सुविधा देने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही हैं, तो दूसरी ओर जिम्मेदार अधिकारी सरकारी धन को अपनी जेब में जमा करना है, ताजा उदाहरण लोक निर्माण विभाग ने लगभग छह महीने पूर्व हस्तिनापुर से पाली दरियापुर होते हुए मीवा मवाना मार्ग तक लगभग आठ करोड़ की लागत से 6.8 किमी लंबी सड़क का निर्माण किया था। ग्रामीणों की माने तो करोड़ों की सड़क निर्माण में घटिया निर्माण सामग्री का प्रयोग किया गया जिसके चलते तीन महीने बाद ही सड़क धराशायी हो गई। कुछ माह बीत जाने के बाद ही सड़क में अनेक जगह बड़े व गहरे गड्ढे बनने शुरू हो गए हैं। मार्ग से गुजरने वाले लोग लोक निर्माण विभाग की लापरवाही पर कड़ी नाराजगी प्रकट करते हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि साल से गांव की सड़क बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुई पड़ी थी। आलाधिकारियों व जनप्रतिनिधियों से अनेक बार गुहार लगाने के बाद लोक निर्माण विभाग ने सड़क बनाई लेकिन कुछ महीने बाद ही सड़क फिर से टूटने लगी।

ये कोई पहला मामला नहीं
जिले में पीडब्ल्यूडी विभाग पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं, जुड़े हुए सड़कों की गुणवत्ता सही नहीं है। जिले में कई ऐसी सड़कें बनाई जा रही है, जो तुरंत उखड़ जा रही हैं। विभागीय अधिकारियों की लापरवाही और निर्माणाधीन कंपनी द्वारा सड़क निर्माण में प्रयोग हुई घटिया सामग्री का पहला मामला नहीं है। इससे पूर्व हस्तिनापुर से पंजप्यारे भाई धर्मसिंह गुरुद्वारा साहिब को जोड़ने वाली सड़क में डस्ट की जगह मिट्टी का प्रयोग किया गया था। हालांकि जनवाणी में खबर प्रकाशित होने के बाद सड़क निर्माण में प्रयोग की गई घटिया सामग्री को हटाया गया था। मामले में लोक निर्माण विभाग के एक्सईएन सतेंद्र सिंह से फोन पर कई बार संपर्क करने का प्रयास किया. लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।

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