मेरठ 05 जून (प्र)। लोकसभा चुनाव में एनडीए का हिस्सा बनकर राष्ट्रीय लोकदल ने बागपत और बिजनौर लोकसभा सीट पर जीत हासिल की है। इस जीत के साथ रालोद 15 साल बाद संसद में पहुंचा है। अब रालोद का चारों सदन में प्रतिनिधित्व हो गया है। रालोद को एनडीए में शामिल कर भाजपा को इसका चुनावी लाभ नहीं मिला, जबकि राष्ट्रीय लोकदल को भाजपा का साथ रास आया है। वह अपनी परंपरागत बागपत सीट पर भी डेढ़ दशक बाद काबिज हो गया है।
राष्ट्रीय लोकदल ने 15 साल पहले 2009 में तीन लोकसभा सीट जीती थीं तब बागपत से चौधरी अजित सिंह, मथुरा से जयंत चौधरी और बिजनौर से संजय चौहान सांसद बने थे। इसके बाद 2014 और 2019 के चुनाव में रालोद को जीत नसीब नहीं हुई। 2014 में बागपत में भाजपा के सतपाल सिंह ने चौधरी अजित सिंह को हराया था। 2019 में बागपत सीट पर ही सतपाल सिंह ने जयंत चौधरी को और डॉ. संजीव बालियान ने मुजफ्फरनगर सीट पर चौधरी अजित सिंह को पराजित किया था।
2022 के विधानसभा चुनाव रालोद ने सपा के साथ मिल कर लड़ा था और नी सीट पर जीत दर्ज की थी। इस बार लोकसभा चुनाव की तैयारी भी इंडिया गठबंधन के साथ की जा रही थी, मगर सीटों के बंटवारे खासकर मुजफ्फरनगर सीट को लेकर रालोद और सपा में रार हो गई।
लोकसभा चुनाव के ऐन वक्त पर समाजवादी पार्टी का साथ छोड़कर राष्ट्रीय लोकदल एनडीए में शामिल हो गया था। हालांकि चौधरी जयंत सिंह के इस निर्णय की आलोचना भी हुई भाजपा ने रालोद को बागपत और बिजनौर सीट दी। रालोद के लिए दोनों सीट प्रतिष्ठा का प्रश्न बनी थी। घोषित परिणाम में रालोद ने दोनों सीट जीती बागपत से डॉ. राजकुमार सांगवान और बिजनौर से विधायक चंदन चौहान सांसद बने। दोनों की जीत के साथ ही रालोद को 15 साल बाद संसद में पहुंचने का मौका मिला।
चौधरी जयंत सिंह राज्यसभा सदस्य हैं। मथुरा के योगेश नौहवार उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य हैं। विधानसभा में रालोद के नौ विधायक राजपाल बालियान बुढ़ाना, अनिल कुमार पुरकाजी, चंदन चौहान मोरापुर, मदन भैया खतौली, प्रसन्न चौधरी शामली, अशरफ अली थानाभवन, गुलाम मोहम्मद सिवाल खास, डॉ. अजय कुमार छपरौली, प्रदीप गुडडू सादाबाद है। चंदन चौहान बिजनौर के सांसद चुने गए हैं।