Wednesday, July 30

विज्ञान योद्धाओ ने किया शोघ, मेरठ में यूवी रेडिएशन चरम पर

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मेरठ 04 जून (प्र)। विज्ञान आधारित रियलिटी शो विज्ञान घर सीजन-4 के प्रतिभागियों ने गत दिवस अल्ट्रावायलट किरणों के शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव पर शोध किया। डा. मोहम्मद यासीन के मार्गदर्शन में विज्ञान योद्धाओं ने अपने शोध में पाया कि सूर्य की रोशनी में व्याप्त जिन यूवी किरणों से शरीर काला पड़ जाता है वह 12 यूनिट तक पहुंच चुका है जिसे चरम सीमा माना जाता है। सुबह 10 बजे से अपरान्ह चार बजे तक तापमान 41 से 47 डिग्री तक मापते हुए अल्ट्रावायलट किरणों के ताप की जांच की गई। यूवी किरणों से ही त्वचा कैंसर भी होने का खतरा बना रहता है। संयुक्त राष्ट्र संघ की आनुवांशिकी ईकाई आइयूसीएन के विश्व आयोग सदस्य व विद्या विहार सीनियर सेकेंड्री स्कूल चित्तौड़गढ़ में जीव विज्ञान शिक्षक डा. मोहम्मद यासीन ने विज्ञानियों को बताया कि मेरठ में कई जगह दोपहर में यूवी तीव्रता का औसत स्तर बहुत अधिक है। यूवी रेडिएशन की उच्च श्रेणी का यह स्तर 15 जून तक रहने की आशंका है।

यह है मेरठ की स्थिति:  डा. मोहम्मद यासीन के साथ टीम सदस्यों ने मेरठ जिले के 154 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में भ्रमण कर 84 स्थानों से डाटा एकत्र किया। सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक बीते कुछ दिनों से जिले में यूवी इंडेक्स मापने पर इसका मान सुबह 10 बजे के आस-पास छह से आठ के बीच रहता है। दिन चढ़ने पर यह मान 12 ईकाई तक पहुंच जाता है, जो बहुत खतरनाक है। चार तहसीलों में यूवी इंडेक्स का सर्वाधिक स्तर 12 यूनिट के साथ यूवी तीव्रता का उच्चतम स्तर मापा गया। एक-तीन जून के तक हुए सर्वे सैंपलिंग में तीन अलग-अलग डिजिटल उपकरणों का इस्तेमाल हुआ। सूर्य की पराबैंगनी किरणों से पृथ्वी को सुरक्षित रखने का कार्य वायुमंडल में ओजोन की परत करती है, लेकिन बढ़ते प्रदूषण और घटते पेड़-पौधों के चलते यह परत क्षतिग्रस्त होती जा रही है। जिसके चलते पृथ्वी पर पहुंचने वाली पर बैंगनी विकिरणों की शक्ति बढ़ रही है।

इन गतिविधियों में भी हुए शामिल
बाइक द्वारा कबाड़ से जुगाड़ बनाना और वैज्ञानिक तरीके से इनकी गुणवत्ता व उपयोगिता को बढ़ाना
नेचुरल साइकिल अवेयरनेस जैसी वर्जनाओं के बारे में जागरूकता फैलाने के साथ- साथ महिला सशक्तिकरण और उनके स्वास्थ्य व जीवन शैली से संबंधित समस्याओं से बचने पर आधारित व्याख्यान ।

यह है यूवी इंडेक्स
यूवी इंडेक्स पृथ्वी के किसी भाग पर पड़ने वाली पराबैंगनी किरणों की तेजी का मापन करने वाला सूचकांक है। इसका प्रति इकाई मान 25 मिलीवाट प्रति वर्गमीटर है। किसी जगह पर यूवी इंडेक्स का मान यदि 0 से 2 के बीच है तो यह पूर्णतः सुरक्षित है। | यह मान यदि तीन से पांच के बीच है तो यह घातक नहीं है। यदि इसकी मात्रा छह-सात है तो यह उच्च स्तर पर है और घातक हो सकता है। आठ-10 का इंडेक्स अति उच्च है और इस परिस्थिति में धूप में न निकलने की सलाह दी जाती है। यदि यह मान 11 से अधिक है तो आप इसकी घातकता की घातकता का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि यदि किसी समय पर किसी स्थान का यूवी सूचकांक आठ है, तो इसका अर्थ है कि यह किरणें करीब 15 मिनटों में आपकी त्वचा को जला सकती हैं। यूवी विकिरण की तीव्रता मिलीवाट प्रति वर्ग सेंटीमीटर की इकाइयों में मापी जाती है जो प्रति सेकंड प्रति वर्ग सेंटीमीटर प्राप्त ऊर्जा है।

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