Thursday, December 12

मेरठ कॉलेज में संविधान दिवस पर हुई संगोष्ठी

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मेरठ 26 नवंबर (प्र)। मेरठ कॉलेज के विधि विभाग के मूट कोर्ट हाल में सोमवार को संविधान दिवस के अवसर पर शैक्षिक संगोष्ठी आयोजित हुई। प्रो. मुरारी प्रसाद वर्मा के संचालन में हुई संगोष्ठी के मुख्य अतिथि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति राजवीर सिंह और विशिष्ट अतिथि जस्टिस अजीत सिंह रहे। प्राचार्य डा. रावत ने संविधान, सरकार एवं सफल देश व्यवस्था चलाने के लिए छात्रों को संविधान की जानकारी देने पर बल दिया। कॉलेज के मंत्री विवेक गर्ग ने जस्टिस राजवीर सिंह एवं जस्टिस अजीत सिंह को मेरठ कॉलेज का पुरातन छात्र बताते हुए छात्रों को संदेश दिया कि यह हमारे लिए गर्व का विषय है।

मुख्य अतिथि जस्टिस राजवीर सिंह ने कहा कि संविधान लागू हुए हुए पूरे 75 वर्ष हो जाएंगे। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यूरोप में राजनीतिक परिवर्तन हुआ और ब्रिटेन में भी लेबर पार्टी की सरकार आई। उसके बाद हिंदुस्तान में राष्ट्रीय आंदोलन तेजी से चल रहा था। जस्टिस राजवीर सिंह ने आगे बताया कि उसके बाद देश के सामने चुनौती थी कि किस प्रकार की व्यवस्था से देश को चलाया जाए।

कृषि भूमि सुधार, जमींदारी उन्मूलन हुआ। जस्टिस राजवीर सिंह ने 1973 के केशवानंद भारती केस को मील का पत्थर करार देते हुए कहा कि इससे ही तय हुआ कि संसद संविधान की मूल आत्मा के विरुद्ध कोई भी संशोधन नहीं कर सकती। विशिष्ट अतिथि जस्टिस अजीत सिंह ने 200 वर्षों तक विदेशी नियमों से ही संचालित होने के बाद निर्मित संविधान उसकी मुख्य परिकल्पना को समान धार्मिक, सामाजिक आर्थिक आजादी देने वाला बताया।

इस दौरान प्रबंधन समिति अध्यक्ष डा. ओपी अग्रवाल, कार्यक्रम अध्यक्ष डा. कामेश्वर प्रसाद और संयोजक डा. हरिशंकर राय ने विचार रखे। प्रो. प्रवीण दुबलिश और प्रो. चंद्रशेखर ने सभी का धन्यवाद दिया।

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