Monday, August 11

सीसीएसयू की कुलपति पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप, सीबीआई, ईडी व लोकायुक्त से जांच की उठी मांग

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मेरठ 08 अगस्त (प्र)। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला पर गंभीर वित्तीय अनियमितताओं, भ्रष्टाचार, फर्जी नियुक्तियों और शासन के नियमों की अवहेलना के आरोप लगे हैं। यह आरोप विश्विद्यालय के पूर्व छात्र, सामाजिक कार्यकर्ता और अधिवक्ता आदेश प्रधान ने लगाए हैं।
गुरुवार को विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित प्रेस वार्ता में उन्होंने बताया कि भ्रष्टाचार के साक्ष्य मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी को भी भेजे गए हैं। उन्होंने इस मामले की जांच सीबीआई, ईडी, सीएजी और लोकायुक्त से कराए जाने की मांग की है।
आदेश प्रधान के अनुसार प्रयागराज स्थित महालेखाकार कार्यालय द्वारा वर्ष 2022-23 से 2024-25 तक की गई विश्वविद्यालय की लेखा परीक्षा में कई गंभीर अनियमितताओं का राजफाश हुआ है। रिपोर्ट में कुलपति सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों की संलिप्तता दर्ज की गई है।

यह हैं प्रमुख आरोप

  • बिना नक्शा स्वीकृति कराए दो भवनों का अवैध निर्माण किया गया, जिस पर 14.54 करोड़ रुपये का व्यय हुआ।
  • मरम्मत और अनुरक्षण पर 116.31 करोड़ रुपये (2022-23) व 153.11 करोड़ रूपये (2023-24) खर्च दिखाया गया, जिसकी वैधता स्पष्ट नहीं।
  • 39 लाख उत्तर पुस्तिकाएं और सात लाख प्रायोगिक पुस्तिकाएं बिना आवश्यकता के खरीदी गईं, जिस पर 4.88 करोड़ रुपये खर्च किए गए।
  • नासर और रूबी नामक दो व्यक्तियों की फर्जी नियुक्तियां दिखाकर लाखों रुपये वेतन के रूप में निकाले गए
  • कुलपति पर सरकारी पद का दुरुपयोग कर निजी संपत्ति अर्जित करने और मेरठ विकास प्राधिकरण की मिलीभगत से अवैध निर्माण कराने के भी आरोप लगाए गए हैं।
  • आरोप है कि शिकायत करने वाले छात्रों पर फर्जी मुकदमे दर्ज कर जेल भेजने की धमकी दी जाती रही है।

जांच की मांग करते हुए भेजी प्रतिलिपियां
आदेश प्रधान ने मांग की है कि वर्ष 2021-22 से 2024-25 तक के वित्तीय दस्तावेजों की दोबारा आडिट कराई जाए। साथ ही आरोपित अधिकारियों को जांच पूरी होने तक निलंबित कर उनके प्रशासनिक अधिकार समाप्त किए जाएं। यह शिकायत पत्र प्रमुख सचिव शिक्षा, यूजीसी, जिलाधिकारी मेरठ, डीआईजी, मंडलायुक्त, लोकायुक्त, सीबीआई, ईडी और अन्य संबंधित विभागों को भी भेजा गया है।

विश्वविद्यालय प्रशासन का पक्ष
विश्वविद्यालय के प्रवक्ता प्रो. मुकेश शर्मा का कहना है कि विगत वर्षों में हमारे विश्वविद्यालय ने अकादमिक क्षेत्र की सभी विधाओं में उल्लेखनीय प्रगति की है। विश्वविद्यालय को NAAC द्वारा A++ ग्रेड, NIRF रैंकिंग, दी रैंकिंग, इंडिया टुडे रैंकिंग सहित विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अत्यंत प्रतिष्ठित स्थान प्राप्त हुए हैं।

उनका कहना है कि विद्वेषपूर्ण मानसिकता से प्रेरित व्यक्ति विश्वविद्यालय की निरंतर उन्नति को देखकर द्वेषभाव से प्रेरित होकर भ्रामक एवं आधारहीन बयानबाजी कर रहे हैं। यह न केवल विश्वविद्यालय की गरिमा को ठेस पहुंचाने का प्रयास है, बल्कि छात्रों और समाज के मन में भ्रम उत्पन्न करने की एक असफल कोशिश भी है। यह स्पष्ट किया जाता है कि विश्वविद्यालय में सभी शैक्षणिक, प्रशासनिक एवं वित्तीय कार्य सरकार द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों, अधिनियमों एवं नियमों के अनुरूप पारदर्शिता एवं उत्तरदायित्व के साथ संचालित किए जाते हैं।

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