मेरठ, 13 दिसंबर (वि) विश्व के सबसे विलक्षण ग्रंथ श्रीमद्भगवद गीता जयंती के अवसर पर आत्मनिर्भर युवा भारत, एमपी फाउंडेशन और प्रकृति फाउंडेशन ने गीता महोत्सव का आयोजन कर युवाओं के लिए हेल्थ और करियर वर्कशॉप अभियान का शुभारंभ किया। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि तन, मन और धन की समस्त समस्याओं का स्थायी निदान है श्रीमद्भागवद गीता। गीता युवाओं के करियर, चरित्र और व्यक्तित्व को शानदार आयाम देकर उन्हें विशिष्ट पहचान दिलाती है। यदि अपनी संतान को लोक सेवक, चिकित्सक और इंजीनियर से कुछ बड़ा और विलक्षण बनाना है तो अभिभावकों को उन्हें श्रीमद्भगवद गीता का संदेश आत्मसात करने के लिए प्रेरित करना होगा।
शास्त्रीनगर के अग्रसेन विहार स्थित पी-3 स्टूडियो में गीता महोत्सव की शुरूआत बुधवार शाम को हुई। अथितियों और आयोजकों ने मां सरस्वती और भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित किया। इसके बाद वक्ताओं ने विश्व के सबसे विलक्षण ग्रंथ के महत्व पर प्रकाश डाला। मुख्य वक्ता अनुरागी योग ने कहा कि गीता मरे हुए मन और जीवन में नए प्राण डाल देती है। जिन परिस्थितियों से लड़कर मनुष्य हार जाता है, डर जाता है और कभी-कभी आत्मसर्मपण तक कर देता है, उन परिस्थितियों से लड़कर जीतने का हुनर सिखाने वाली विधा का नाम है श्रीमद्भगवद गीता। भारतीय खिलाड़ी मनु भाकर ने इसी पुस्तक से प्रेरित होकर ओलंपिक में पदक जीता था। श्रीमदभगवद गीता का विश्व की 174 भाषाओं में अनुवाद किया गया। आधुनिक विश्व के पहले परमाणु बम के निर्माण में गीता का सर्वाधिक महत्व है।
विलकिंसन चार्ल्स ने 250 साल पहले श्रीमद्भगवद गीता का संस्कृत से हिंदी में अनुवाद किया था। तभी से यूरोप और अमेरिका में कई स्थान पर युवाओं को पाठ्यक्रम के रूप में गीता पढ़ाई जा रही है। मुख्य अतिथि पूर्व चीफ इंजीनियर एवं महामना मालवीय मिशन के अध्यक्ष मुनीश कुमार ने कहा कि गीता युवाओं का सफलता के साथ ही अच्छा इंसान बनाने में विश्व में सर्वोत्तम माध्यम है। बच्चों को बचपन से ही गीता का अध्ययन करने और उसके उपदेशों का अनुसरण करने की आदत डालनी चाहिए। अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ कवि गोपाल जानम ने कहा कि यदि पूरा ब्रह्मांड एक शरीर है तो श्रीकृष्ण उसकी आत्मा हैं। वरिष्ठ कवि जगतवीर सिंह, प्रधानाचार्य डा. जितेंद्र त्यागी, भाजपा नेता आलोक सिसौदिया, वरिष्ठ कवि कमलेश चंद शर्मा, धर्मपाल सिंह आर्य, चंद्रशेखर मयूर, बनी सिंह चौहान, महेंद्र नाथ उपाध्याय आदि ने गीता जयंती को लेकर अपने विचार रखे। सभी अतिथ्िायों व अन्य लोगों को गीता भेंट कर सम्मानित किया गया।
प्रकृति फाउंडेशन के संस्थापक मुकेश नादान और एमपी फाउंडेशन के सचिव नरेश उपाध्याय ने सभी का स्वागत एवं आभार व्यक्त किया। कैप्टन राजपाल सिंह, वी.डी. स्वामी, नरेंद्र गौड़, नरेंद्र राष्ट्रवादी, अमित गुप्ता, हरीश वर्मा, रेखा सैनी, चंद्रभान उपाध्याय, डा. गलेंद्र शर्मा, सुनील दत्त शर्मा, प्रेम भट्ट, योगी बिजेंद्र कुमार, कवयित्री सुषमा सवेरा, अलबेली सबकी सहेली की संपादक सुनीता उपाध्याय आदि मौजूद रहे। संचालन वरिष्ठ कवि ललित तारा ने किया।