




मेरठ 11 जून (प्र)। सोशल मीडिया एसोसिएशन एसएमए के अध्यक्ष रवि कुमार बिश्नोई द्वारा आज मेरठ मंडलायुक्त मेरठ विकास प्राधिकरण ऋषिकेश भास्कर यशोद को दो पृष्ठ का एक ज्ञापन देकर मेडा के अवैध निर्माण रोकने से संबंध अधिकारियों व प्रवर्तन दल के लापरवाही से अवैध निर्माणों कच्ची कालोनियों और सरकारी जमीन घेरकर मानचित्र के नाम पर सरकार की निर्माण नीति के विपरित हो रहे निर्माणों की मुख्यमंत्री जी के जनशिकायत पोर्टल पर होने वाली शिकायतों का फर्जी निस्तारण किया जा रहा है। उस संदर्भ में उन्हें अवगत कराते हुए शहर में अवैध निर्माणों के प्रतीक के रूप में पांच निर्माणों पर जांच कराकर कार्रवाई की मांग की गई। दिये गये ज्ञापन के अनुसार प्रदेश में कहीं अगर शासन की नीति के तहत कार्य ना हो रहा हो अथवा आम आदमी को मिलने वाली सुविधाऐं प्राप्त ना हो रही हो या उसकी समस्याओं का समाधान करने में अफसर लापरवाही कर रहे हो तो उसकी शिकायत करने और आम जन की परेशानी हल कराने हेतु प्रदेश सरकार द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर बनाये गये मुख्यमंत्री जनशिकायत पोर्टल पर कच्ची कालोनियों अवैध निर्माणों सरकारी जमीन घेरने और शासन की नीति के विरूद्ध इस संदर्भ में होने वाले कार्यों की पोर्टल पर आने वाली शिकायतों का मेडा से संबंध अधिकारियों द्वारा फर्जी निस्तारण कर जहां माननीय मुख्यमंत्री जी की भावनाओं के विपरित और शासन की निर्माण नीति का उल्लंघन होने के साथ साथ शासन को करोड़ों रूपयों के राजस्व की लग रही चपत। मगर मेडा के अधिकारी है कि मानचित्र के नाम पर पूरी तौर पर हो रहे अवैध निर्माणों को नक्शा पास बताकर या अन्य धाराओं का सहारा लेकर दोषियों को अभय दान और सरकार को राजस्व का नुकसान तथा नियमविरूद्ध फर्जी निस्तारण करने का कोई मौका नहीं चूक रहे है।
आदरणीय मंड़लायुक्त जी सरकारी जमीन घेरकर या निर्माण नीति के विपरित कट रही कच्ची कालोनियां व अवैध निर्माणों की होने वाली शिकायतों में फर्जीवाड़े का इससे भी पता चलता है कि कई बार संबंधित अधिकारी पुराने निस्तारण को ही कई बार जारी कर देते है। और आश्चर्य इस बात का है कि प्रर्वतन अधिकारी या अवैध निर्माण से संबंध जेई मौके पर न जाकर ज्यादातर मामलों में मेट के माध्यम से ही निस्तारण करा देते है।
- इस संदर्भ में सर्वप्रथम एनएच 58 पर खड़ौली क्षेत्र में रास्ता ना होने के बाद भी वन फारर होटल का नक्शा गलत तरीके से पास कर दिया गया। और होटल वाले ने बिना अनुमति के सिंचाई विभाग का रजवाहा पाटकर रास्ता बना लिया जिसका एफआईआर विभाग द्वारा थाने में कराने की बात कही गई मगर मेडा के अधिकारियों ने उसका भी मानचित्र पास है बताकर निस्तारण कर दिया जो बिलकुल ही गलत है।
- गढ़ रोड़ पर स्थित पी एस आरकेड हल्दीराम के शोरूम और महिंद्रा कार के शोरूम जो बराबर बराबर बने है और पूरी तौर पर अवैध है। उनको भी मानचित्र पास बताकर निस्तारण कर दिया।
- बेगमपुल से हापुड़ रोड जीआईसी के सामने मालाबार गोल्ड का शोरूम जिसका नक्शा किसी भी नियम से पास नहीं हो सकता उसे पुराना बताकर शिकायत का निस्तारण कर दिया गया।
- इसी प्रकार रूड़की रोड़ पर लावड़ रोड़ को जाने वाले मार्ग के अपोजिट सरकारी जमीन पर हुए नए निर्माणों को भी पुराना बताकर यहां खेल करा जा रहा है।
- बेगमपुल पर आपका बाजार के सामने खुले सेनको गोल्डन एडं डायमंड के शोरूम के फर्जी निस्तारण की भी कोशिश की जा रही है। जबकि ना तो वहां वाहन खड़े करने की जगह है और ना ही इसका निर्माण स्वीकृत है और सुधार अनुमति भी नहीं ली गई है।
- रूड़की रोड़ पल्लवपुरम स्थित शिवालिक गेस्ट हाउस के अपोजिट रिहायशी प्लॉट पर बने भव्य कर्मशियल शोरूम का नक्शा पास बताकर निस्तारण किया गया है जबकि वो किसी भी रूप में संभव नहीं है।
कई बार इसके बारे में एफआईआर व सील व बेसमेंट आदि अवैध निर्माण को तोड़ने की बात मेडा द्वारा की जा रही बताई जा रही है पर अभी तक यह निर्माण ऐसे ही गुलजार है।
आदरणीय जो निर्माण पुराने बताये जा रहे है और उनमें शोरूम खुल रहे है तो मेडा के अधिकारी बताये कि क्या उसमें सुधार की अनुमति ली गई वाहन पार्किंग है अथवा पूर्व में नक्शा पास हुआ या नहीं और अगर नहीं पास हुआ तो यह सही कैसे हो सकते है। होटल वन फारर की हुई शिकायत और पुलिस में एफआईआर के बाद भी मेडा के अधिकारियों ने कोई कार्रवाई क्यों नहीं की और हल्दीराम और महिंद्रा कार शोरूम केे अवैध निर्माणकर्ताओं को क्यों बचाया जा रहा है इसकी जांच मेडा के उपाध्यक्ष या सचिव अथवा किसी ईमानदार छवि के प्रशासनिक व्यक्ति से कराई जाए। और अगर जांच अधिकारी ने निस्तारण गलत किया है तो शासन की नीतियों के खिलाफ जाकर काम करने के लिए इनके विरूद्ध की जाए कार्यवाही और सेवा से किया जाए निलंबित। वर्ना फर्जी निर्माण कच्ची कालोनियां सरकारी जमीन घिरती बिकती रहेगी और शिकायतों का फर्जी निस्तारण होता रहेगा। और शासन को जो करोड़ों रूपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है उसकी भरपाई भी नहीं हो पाएगी। मगर जानकारों के अनुसार मेडा के अवैध निर्माण से संबंध फर्जी शिकायतों का निस्तारण करने वालों का बैंक बैलेंस निरंतर बढ़ता रहेगा। क्योंकि अवैध निर्माण का शमन पूर्ण प्रतिबंधित होने के बावजूद यह शमन और सील करने या एफआईआर कराने के नाम पर यह फर्जी निस्तारण व अवैध निर्माणकर्ता को बचाते रहेंगे।
माननीय अवैध निर्माण पर रोक संबंधी उच्च न्यायालय के निर्देश उक्त पत्र के साथ संलग्न है जिसे आधार मानकर यूपी सरकार द्वारा भी कम्पाउंड व शमन शुल्क पर रोक लगाई गई है।
ज्ञापन प्राप्त कर मंडलायुक्त ने कहा कि वो जांच कराकर न्यायसमत कार्रवाई करायेंगे।