मेरठ 31 जुलाई (प्र)। नगर निगम में जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र अनुभाग के कर्मचारियों ने जन्म प्रमाण पत्र में नाम संशोधन के लिए पन्द्र्रह दिनों से दफ्तर के काट रहे एक सेना के जवान के साथ मारपीट की। मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने पर नगर निगम के अधिकारियों में हड़ंकम्प मच गया। डीएम ने नगरायुक्त को मामले की जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। आनन-फानन में अपर नगरायुक्त प्रमोद कुमार को मौके पर भेजकर जांच करने के आदेश नगरायुक्त ने दिए। अपर नगरायुक्त ने सेवा के जवान और कर्मचारियों से बात कर घटना की जानकारी ली। सेना के जवान को जल्द से जलद प्रमाण पत्र में संशोधन कर प्रमाण पत्र जारी कर उन्हें सूचित करने का भरोसा दिलाकर शांत किया गया।
नगर निगम में सेना का एक जवान अपनी पुत्री के जन्म प्रमाण में हुई उसकी मां का नाम में संशोधन के लिए करीब पन्द्रह दिन पूर्व आवेदन किया था। वह संशोधित प्रमाण पत्र लेने के लिए नगर निगम के जन्म मृत्यु पंजीकरण अनुभाग के चक्कर लगा रहा था। हर बार उसे जवाब मिलता कि वेबसाइट बंद हैं। मंगलवार को भी सेना का जवान संशोधित प्रमाण पत्र लेने पहुंचा, लेकिन उसे कर्मचारियों ने अभी तैयार न होने की बात कही। सेना के जवान द्वारा कब मिलेगा पूछा तो कर्मचारियों ने कहा कि उन्हें नहीं पता। इसको लेकर दोनों में झड़प हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार दो कर्मचारियों ने सेना के जवान से अभद्रता और मारपीट की।
इसी बीच किसी ने मारपीट की वीडियो क्लिप बना ली और सोशल मीडिया पर वायरल कर दी। इससे नगर निगम के अधिकारियों में हड़कंप मच गया। उधर, डीएम दीपक मीणा ने इस वीडियो क्लिप को संज्ञान लिया और नगरायुक्त अमित पाल शर्मा ने जांच करने के निर्देश दिए। नगरायुक्त ने अपर नगरायुक्त प्रमोद कुमार को तुरंत मौके पर पहुंचकर मामले की जांच करने और मामले को रफा दफा करने के निर्देश दिए। प्रमोद कुमार ने मारपीट करने के आरोप कर्मचारी राहुल और सलीम और सेना के जवान से घटना की जानकारी ली। तीनों के बयान दर्ज किए गए। अपर नगरायुक्त ने सेना के जवान को वेबसाइट चालू होते ही सबसे पहले उनको संशोधित जन्म प्रमाण पत्र जारी कर उन्हें सूचित करने का भरोसा दिलाया।
नगर निगम के जन्म मृत्यु पंजीकरण अनुभाग के प्रभारी डा: गजेन्द्र सिंह का कहना है कि वेबसाइट न चलने की वजह से जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने या उसमें संशोधन करने से दिक्कत आ रही है। 16 जून को इस सिस्टम को अपग्रेड किया गया था, तभी यह समस्या गंभीर बनी है। हर कार्य के लिए हर बार ओटीपी जारी होता है, ऊपर से वेबसाइट नहीं चलती। सेना के जवान व कर्मचारियों में मारपीट का पता लगने पर वह मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी ली। उन्होंने सेना के जवान को आश्वस्त किया कि वह वेबसाइट चालू होते ही उनका कार्य पहले कराएंगे।