Sunday, May 25

जल्द ही अपने जोन में बन सकेंगे जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र

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मेरठ 10 जून (प्र)। जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए जोनल व्यवस्था की तैयारी नगर निगम ने शुरू कर दी है। तीनों जोन में निगम अधिकारियों की आईडी बनने का काम चल रहा है। केंद्र सरकार की गाइडलाइन में एक साल से ऊपर में के जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र में प्रशासनिक अधिकारियों की अनुमति अनिवार्य है।
इसे लेकर प्रशासन और निगम के अधिकारियों में मंथन हो चुका है। जिस हॉस्पिटल में बच्चे का जन्म हुआ है, अब उनका प्रमाण पत्र हॉस्पिटल संचालक ही देंगे। इसको लेकर निगम ने 270 हॉस्पिटल को आईडी जारी कर दी।

अभी तक लोगों को जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाने के लिए कलक्ट्रेट और नगर निगम में चक्कर काटने पड़ रहे हैं। रिश्वतखोरी का खेल भी खूब चल रहा है। इसे लेकर नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने नगर आयुक्त को तीन बार चिट्ठी भी लिखी। इस समस्या से निजात दिलाने के लिए अब जोनल व्यवस्था लागू करने की तैयारी शुरू हो गई है। इसमें लोगों अपने ही जोन में प्रमाणपत्र के लिए आवेदन कर सकते हैं। एक विंडो से प्रमाणपत्र जारी होगा, जिससे आमजन को फायदा मिलेगा। शास्त्रीनगर, कंकरखेड़ा और मुख्यालय पर जोनल व्यवस्था लागू की जा रही है। जोनल व्यवस्था के लिए निगम में अधिकारी और कर्मचारियों की ड्यूटी निर्धारित हो गई है और उनकी आईडी लेकर सीएमओ को भेजने का कार्य चल रहा है। जोनल व्यवस्था से प्रशासन, नगर निगम के कुछ कर्मचारियों की रिश्वतखोरी बंद हो जाएगी।

आसान होगा प्रमाणपत्र पर नाम लिखवाना
अस्पताल की ओर से जारी प्रमाणपत्र पर बच्चे का नाम लिखवाना आवेदकों के लिए आसान होगा। प्रमाणपत्र लेकर नगर निगम में आएं और तुरंत बच्चे का नाम शामिल कराकर ले जाएं। इसके लिए सभी जोन में अलग से व्यवस्था कराई जाएगी। हालांकि, एक साल से पहले जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों की अनुमति की जरूरत नहीं है। स्थानीय पार्षद या निगम के सुपरवाइजर की सत्यापन पर ही सीधे प्रमाणपत्र बनवा सकते हैं।

जन्म के बाद ही अस्पताल संचालक देंगे प्रमाण पत्र
नगर निगम ने 270 अस्पताल संचालकों को आईडी जारी कर दी है ताकि यहां बच्चे के जन्म के बाद ही संचालक उनका प्रमाणपत्र जारी करें। इसकी सूचना निगम की वेबसाइट पर ऑनलाइन अपलोड की जाएगी। जिलाधिकारी और नगर आयुक्त ने सभी हॉस्पिटल में यह व्यवस्था चालू करने के लिए निर्देश दिए हैं। सीएमओ ने सभी अस्पताल संचालकों को पत्र लिखकर यह व्यवस्था को लागू करने की बात कही।

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